बिहार के किसानों को कृषि उपकरण भा रहे हैं. पटना में चल रहे एग्रो बिहार कृषि मेला के दूसरे दिन 47 हजार से अधिक किसानों और आम लोगों ने खेती में इस्तेमाल होने वाली आधुनिक मशीनों की जानकारी हासिल की. यहां पर किसान पाठशाला में किसानों को खेती के तरीकों और मशीनों को चलाने की ट्रेनिंग भी दी गई. किसानों ने दो दिन में 306 कृषि यंत्रों की खरीदारी की, जिस पर उन्हें 185 लाख रूपये से अधिक की छूट का लाभ मिला.
पटना के गांधी मैदान में राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला (एग्रो बिहार 2024) के दूसरे दिन किसानों को कृषि यंत्रों का प्रदर्शन, उनके बारे में तकनीकी जानकारी और उन्हें कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ दिया जा रहा है. यह मेला 29 नवंबर से 2 दिसंबर तक कृषि विभाग बिहार और सीआईआई के सहयोग से आयोजित किया गया है. मेला में कृषि यंत्रों के निर्माताओं एवं विक्रेताओं की व्यावसायिक बैठक (B to B Meet) तथा यंत्र निर्माताओं एवं विभागीय पदाधिकारियों के साथ बैठक (B to G Meet) का आयोजन भी किया गया.
एग्रो बिहार कृषि मेला में खेती गतिविधियों को नये तरीके से करने के लिए उन्नत तकनीक से लैस कई कृषि यंत्रों का प्रदर्शन किया गया है.
शनिवार को मेला में पटना, सारण, सिवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, सीतामढ़ी, वैशाली एवं शिवहर जिले के 3960 किसानों ने भाग लिया. इसमें राज्य के 47 हजार से अधिक किसान और लोग पहुंचे. इस मेले में किसी तरह का प्रवेश शुल्क नहीं है.
एग्रो बिहार कृषि मेला में शनिवार को 205 कृषि यंत्रों की बिक्री पर किसानों को सरकार की ओर से 62.807 लाख रुपये का अनुदान दिया गया. इन कृषि यंत्रों का बाजार मूल्य लगभग 1.62 करोड़ रुपये है. मेले में 2 दिनों में कुल 306 कृषि यंत्रों की बिक्री कर किसानों को कुल 185 लाख रूपये से अधिक अनुदान दिया गया.
किसान पाठशाला में प्रतिभागी किसानों को कृषि वैज्ञानिकों एवं विभागीय पदाधिकारियों द्वारा बागवानी में कृषि यंत्रों को चलाने की विधि, रखरखाव और मरम्मत, दलहनी और तलहनी फसलों की वैज्ञानिक खेती और कृषि उत्पादों की प्रॉसेसिंग के लिए इस्तेमाल में आने वाले मशीनरी की तकनीकी जानकारी दी गई.
बिहार कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल की ओर से मेला में बच्चों के लिए आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता के विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कार दिया गया. जल ही जीवन है, भूमि बचाओ, कृषि का महत्व, मानव जीवन में पौधों का महत्व, कृषि में यांत्रिकरण का महत्व, टिकाऊ खेती का महत्व, मृद्रा स्वास्थ्य पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव तथा वर्षा जल संचयन विषयों पर चित्रकला प्रतियोगिता हुई. इसमें पटना शहर के विभिन्न विद्यालयों के जूनियर बैच में 117 तथा सीनियर बैच में 114 बैच के कुल 231 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. सीनियर बैच में आर्मी पब्लिक स्कूल, दानापुर कैंट के ऋदम को प्रथम और रिया को द्वितीय पुरस्कार तथा पीएमश्री केन्द्रीय विद्यालय बेली रोड पटना की स्तुति वर्मा को तृतीय पुरस्कार दिया गया.
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