मैंने अपनी किसान आईडी बनवाई, अब आप भी बनवाइये: कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने की अपील 

मैंने अपनी किसान आईडी बनवाई, अब आप भी बनवाइये: कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने की अपील 

सरकार की योजना साल 2027 तक 11 करोड़ किसानों के लिए किसान आईडी बनाने की है. वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सरकार ने छह करोड़ किसानों का लक्ष्य तय किया है. वहीं 2025-26 में तीन करोड़ और 2026-27 में दो करोड़ किसानों का टारगेट है. इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए, केंद्र ने राज्यों को कैंप-मोड रजिस्‍ट्रेशन अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है. 

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मैंने अपनी किसान आईडी बनवाई, अब आप भी बनवाइये: कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने की अपील केंद्रीय कृषि मंत्री ने बनवाई फार्मर आईडी

पूरे देश में इस समय किसान आईडी का काम जोर-शोर से चल रहा है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अब अपनी किसान आईडी बनवा ली है. सोशल मीडिया पर उन्‍होंने इस बारे में जानकारी दी है. वहीं कृषि मंत्री ने बाकी किसानों से अपील की है कि वो जल्‍द से जल्‍द अपनी आईडी बनवा लें. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री किसान योजना समेत बाकी सरकारी योजनाओं का फायदा लेने के लिए फार्मर आईडी या फार्मर रजिस्‍ट्री अन‍िवार्य है. 

क्‍या है किसान आईडी 

कृषि मंत्री ने एक्‍स पर लिखा,  'केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा Farmer ID बनाने का अभियान चलाया जा रहा है. ताकि किसानों को खेती संबंधी सभी योजनाओं का लाभ मिल सके.' उन्‍होंने आगे लिखा , 'मैंने भी आज अपनी किसान आईडी बनवाई है. मेरा सभी किसान भाई-बहनों से आग्रह है कि देर मत कीजिए आप भी किसान आईडी बनवाइये.' कृषि मंत्रालय की देखरेख में डिजिटल कृषि मिशन के तहत किसान आईडी का काम तेजी से राज्‍यों में चल रहा है. किसान आईडी एक खास आधार-लिंक्ड डिजिटल आईडी है जो राज्य भूमि रिकॉर्ड से जुड़ी हुई है. यह डेमोक्राफिक डिटेल्‍स, उगाई जाने वाली फसलों और जमीन के मालिकाना हक  जैसे महत्वपूर्ण डेटा को एक प्‍लेटफॉर्म पर लेकर आती है. 

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सरकार ने तय किया टारगेट 

सरकार की योजना साल 2027 तक 11 करोड़ किसानों के लिए किसान आईडी बनाने की है. वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सरकार ने छह करोड़ किसानों का लक्ष्य तय किया है. वहीं 2025-26 में तीन करोड़ और 2026-27 में दो करोड़ किसानों का टारगेट है. इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए, केंद्र ने राज्यों को कैंप-मोड रजिस्‍ट्रेशन अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है. 

कर्नाटक के FRUITS से प्र‍ेरित 

दिलचस्प बात यह है कि किसानों का डिजिटल डेटाबेस बनाने की केंद्र की पहल कर्नाटक के FRUITS (Farmer Registration and Unified Beneficiary Information System) सॉफ्टवेयर से प्रेरित है. यह सिस्‍टम आधार का प्रयोग करके बिना रजिस्‍ट्रेशन को सक्षम बनाती है. साथ ही मालिकाना हक को प्रमाणित करने के लिए राज्य के डिजिटाइज किए गए लैंड रिकॉर्ड के साथ इसे इंटीग्रेट किया जाता है.

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FRUITS प्लेटफॉर्म के जरिये से कर्नाटक के किसान कई तरह के फायदों का फायदा उठा सकते हैं. इनमें पीएम किसान योजना के तहत नकद प्रोत्साहन, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भुगतान, विशेष वित्तीय सहायता कार्यक्रम और जाति प्रमाण पत्र और राशन कार्ड के लिए सुव्यवस्थित प्रमाणीकरण शामिल हैं. 

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