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Amrit Sarovar : छत्तीसगढ़ के इस गांव में खोदी गई रेलवे के लिए मिट्टी, बन गया 9 एकड़ का सबसे बड़ा तालाब

Amrit Sarovar : छत्तीसगढ़ के इस गांव में खोदी गई रेलवे के लिए मिट्टी, बन गया 9 एकड़ का सबसे बड़ा तालाब

'बेकार को आकार' देने की सोच का ही नतीजा हुआ कि छत्तीसगढ़ को राज्य के सबसे बड़े तालाब की सौगात मिल गई. Railway Project के लिए बेकार पड़े एक तालाब को गहरा और चौड़ा करके न केवल राज्य का सबसे बड़ा तालाब बनाया गया, बल्कि इससे ग्राम पंचायत काे खर्च से ज्यादा आमदनी हो गई. ऐसा करके Chhattisgarh Govt ने बेहतर नजीर पेश की है.

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रेलवे को मिट्टी बेचकर छत्तीसगढ़ में बना सबसे बड़ा तालाब (फोटो: साभार, छग सरकार) रेलवे को मिट्टी बेचकर छत्तीसगढ़ में बना सबसे बड़ा तालाब (फोटो: साभार, छग सरकार)

छत्तीसगढ़ को 9 एकड़ रकबे वाला राज्य का सबसे बड़ा अमृत सरोवर मिल गया है. रेलवे से सौगात के रूप में मिला यह तालाब अब 50 एकड़ में किसानों को Irrigation Facility प्रदान कर रहा है. राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि हाल ही में रेलवे को एक परियोजना के लिए भारी मात्रा में मिट्टी की जरूरत थी. इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने धमतरी जिले में बेकार पड़े तालाब को दुरुस्त कर उससे निकलने वाली मिट्टी रेलवे को बेच कर 'आम के आम, गुठलियों के दाम' पाने की कहावत को सही साबित कर दिया. अब Rainy Season में यह तालाब पानी से लबालब भर गया है. सरकार ने इसे अमृत सरोवर की सूची में दर्ज कर लिया है. अब यह राज्य का सबसे बड़ा सरोवर बन कर उभरा है. इससे न केवल किसानों को 50 एकड़ खेत के लिए सिंचाई सुविधा मिलने लगी है, बल्कि इलाके में इससे Water Recharge भी हो सकेगा.

तालाब की जलधारण क्षमता बढ़ी

छत्तीसगढ़ का धमतरी जिला सूखे की समस्या से ग्रसित होने की राह पर बढ़ रहा है. इस जिले में Water Conservation के उपायों को लागू करने के क्रम में राज्य का सबसे बड़ा अमृत सरोवर बनाया गया है. बिना किसी अतिरिक्त प्रयास किए बनाए गए इस तालाब की Water Holding Capacity साल भर पानी को सहेजे रखने की हो गई है.

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उल्लेखनीय है कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे को रायपुर से धमतरी के बीच Broad gauge railway line बिछाने के लिए मिट्टी और मौरंग की जरूरत थी. जिला प्रशासन ने कन्हारपुरी गांव के तालाब को गहरा कराने के प्रस्तावित काम को देखते हुए रेलवे को इसी गांव से मिट्टी देने का फैसला किया. इसके फलस्वरूप 6 एकड़ रकबे वाले इस तालाब का क्षेत्रफल बढ़कर 9 एकड़ करते हुए मिट्टी निकाली गई.

इससे तालाब की जलधारण क्षमता भी अब 32400 घन मीटर से बढ़ कर 57800 घन मीटर हो चुकी है. पहले इसकी गहराई लगभग 10 फीट थी. अब यह 15 फीट हो गई है. गहराई बढ़ने से तालाब के बंद पड़े भू-जल स्रोत भी खुल गए हैं. इससे Ground Water भी इस तालाब को भरने लगा है.

लागत से ज्यादा आमदनी करा दी तालाब ने 

धमतरी जिले के कन्हारपुरी गांव के मुरा तालाब को अमृत सरोवर बनाने की खास बात यह है कि इसे बनाने में सरकार को जितनी लागत खर्च करनी पड़ी, उससे अधिक आमदनी इस तालाब की वजह से ग्राम पंचायत को हो गई है. सरकार की ओर से बताया गया कि इस तालाब की Desilting कर इसे गहरा करने का काम मनरेगा के तहत कराया गया है.

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सरकार ने इस काम के लिए 9.31 लाख रुपये का बजट आवंटित किया था. अब कन्हारपुरी से रेलवे लाइन के लिए रेलवे को तालाब की मिट्टी और मौरंग मुहैया कराने के एवज में ग्राम पंचायत को रायल्टी के रूप में करीब 12.20 लाख रुपये दिए हैं. ग्राम पंचायत इस राशि को गांव के अन्य विकास कार्यों में लगाएगी. इससे न केवल पंचायत को राज्य का सबसे बड़ा तालाब मिल गया, साथ ही तालाब ठीक करने पर खर्च होने वाली राशि से ज्यादा ग्राम पंचायत को आमदनी हो गई.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक धमतरी जिले में 121 अमृत सरोवर बन कर तैयार हो गए हैं. इनके अलावा 19 अन्य सरोवरों को बनाने का काम जारी है. राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि धमतरी जिले को Drought Prone Area बनने से बचाने के लिए सरकार ने इस जिले में मौजूद तालाबों को दुरुस्त कर इन्हें अमृत सरोवर का स्वरूप देने की मुहिम तेज कर दी है. इसमें जल संरक्षण के उपायों को आगे बढ़ाते हुए सभी तालाबों काे गहरा करके इनकी जलधारण क्षमता बढ़ाई जा रही है. इसके अलावा जिले में 8 नए अमृत सरोवर भी बनाए जा रहे हैं.