खरीफ सीजन में मौसम पर आश्रित रहने वाली फसलों के लिए बारिश का असमान वितरण किसानों के लिए मुसीबत का सबब बनता है. बारिश की कमी या अधिकता के कारण धान सहित Kharif Season की अन्य फसलों के लिए पिछले कुछ सालों में यह खतरा बढ़ गया है. इसके पीछे Climate Change को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. इस खतरे से किसानों की फसलों को बचाने के लिए सरकार ने Crop Insurance का विकल्प उपलब्ध कराया है. फसल बीमा योजना में मुआवजा मिलने में होने वाली देरी सहित अन्य विसंगतियों को देखते हुए किसान इस योजना को पूरे उत्साह से नहीं अपना पा रहे हैं. इसके मद्देनजर सरकार ने सभी राज्यों में फसल बीमा कराने के लिए किसानों को दी गई समय सीमा में इजाफा करने का फैसला किया है. जिससे ज्यादा से ज्यादा संख्या में किसान अपनी फसलों को मौसम की मार से बचा सकें.
देश में 'धान का कटोरा' माने गए राज्य छत्तीसगढ़ में किसान बहुत बड़े पैमाने पर धान की खेती करते हैं. ऐसे में मौसम की मौजूदा गति को देखते हुए अतिवृष्टि के खतरे से राज्य के किसानों को धान सहित अन्य फसलों का बीमा कराने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
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छत्तीसगढ़ सरकार ने स्पष्ट किया है कि राज्य में कर्ज मुक्त किसानों के अलावा ऋणी किसान भी 16 अगस्त तक अपनी फसल का बीमा करा सकेंगे. इसके तहत किसान खरीफ सीजन की सभी फसलों के अलावा मौसम आधारित Horticulture Crops का भी बीमा करा सकेंगे. छत्तीसगढ़ सरकार के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार ने फसल बीमा कराए जाने की अंतिम तिथि 31 जुलाई को बढ़ाकर अब 16 अगस्त 2024 कर दिया है.
गौरतलब है कि सरकार द्वारा प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल नुकसान से किसानों को राहत दिलाने के लिए PMFBY तथा पुनर्गठित मौसम आधारित उद्यानिकी फसल बीमा योजना संचालित की जा रही है. राज्य के कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इन दोनों योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए राज्य के ऋणी एवं ऋण मुक्त किसानों को पंजीकरण कराने में पूरा सहयोग करें. जिससे प्राकृतिक आपदा से Crop Damage होने पर उन्हें क्षतिपूर्ति मिल सके.
राज्य में कृषि विभाग द्वारा खरीफ वर्ष 2024 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा के लिए जारी अधिसूचना के अनुसार योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को पंजीकरण कराना जरूरी है. इसके लिए पूर्व में अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 निर्धारित की गई थी. राज्य सरकार के विशेष प्रयासों से केन्द्र सरकार ने फसल बीमा की अवधि को बढ़ाकर अब 16 अगस्त कर दिया है.
राज्य के किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत सिंचित और असिंचित जमीन पर उपजाई जा रही धान के अलावा अन्य खरीफ फसलों में सोयाबीन, मूंगफली, मक्का, मूंग और उड़द का बीमा कराया जा सकता है. इसके अलावा Millets में कोदो-कुटकी और रागी का बीमा करा सकेंगे.
गौरतलब है कि फसल बीमा योजना के तहत मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों में सूखा, बाढ़, जलप्लावन, ओलावृष्टि आदि Natural Calamities से किसानों को होने वाले फसल नुकसान की क्षतिपूर्ति की जाती है. इस योजना में ऋण लेने वाले और ऐसे ऋण मुक्त किसान जो भू-धारक एवं बटाईदार हो, भी अपनी फसल का बीमा कराने के हकदार हैं.
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इस योजना के तहत सामान्य किसानों के अलावा अधिसूचित गांवों में अधिसूचित फसल का बीमा कराने के इच्छुक किसान भी 16 अगस्त के पहले फसल बीमा करा सकते हैं. इसके लिए किसान अपना आधार कार्ड, ऋण पुस्तिका, बी-1 पंचशाला खसरा, Bank Passbook की छायाप्रति एवं बुवाई प्रमाण पत्र के साथ पंजीकरण कराना होगा. किसान बैंक अथवा Choice Centers के माध्यम से भी फसल बीमा करा सकते हैं.
शासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार राज्य के बेमेतरा, बस्तर, कोरिया बीजापुर, सारंगढ़-बिलाईगढ़, कबीरधाम, जांजगीर-चांपा, गरियाबंद, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, सक्ती और कांकेर जिला के लिए Bajaj General Insurance Company Ltd. , राजनांदगांव, धमतरी, कोरबा, जशपुर, नारायणुर, खैरागढ-छुईखदान-गंडई, महासमुन्द, रायगढ़, सूरजपुर और कोण्डागांव जिला के लिए Agriculture Insurance Co. of India Ltd. तथा दुर्ग, बिलासपुर, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, सुकमा, मुंगेली, सरगुजा, बलौदाबाजार-भाटापारा, बालोद, रायपुर, दंतेवाड़ा, बलरामपुर एवं गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला के लिए HDFC General Insurance Co. Ltd. को बीमा हेतु अधिकृत किया गया है. इस बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए किसान क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अथवा नजदीकी बैंक शाखा से सम्पर्क कर सकते हैं.
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