छत्तीसगढ़ सरकार ने सोमवार को दाल, तिलहन और मक्का उगाने वालों को भी इनपुट (लागत) सहायता योजना का लाभ देने का फैसला किया. उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने संवाददाताओं को बताया कि अब तक धान तक सीमित इस योजना पर निर्णय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया.
उन्होंने कहा, "मंत्रिमंडल ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है. इसने कृषक उन्नति योजना के दायरे का विस्तार किया है. अब इस योजना का लाभ धान की खेती करने वालों के साथ-साथ दाल, तिलहन, मक्का उगाने वालों को भी मिलेगा." साव ने बताया कि रजिस्टर्ड किसान जिन्होंने खरीफ सीजन 2024 में धान की खेती की थी और उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बेचा था और अब खरीफ सीजन 2025 में धान के बजाय दाल, तिलहन और मक्का उगा रहे हैं, वे भी इस योजना के पात्र होंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद रही है, जिसमें एमएसपी के अलावा कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली इनपुट सहायता भी शामिल है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक्स नीति-2025 के प्रारूप को भी मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य राज्य को लॉजिस्टिक्स हब बनाना और इसके निर्यात बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है.
उपमुख्यमंत्री ने कहा, "लॉजिस्टिक्स क्षेत्र और ई-कॉमर्स से जुड़ी राष्ट्रीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को राज्य की उपयुक्त भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यहां निवेश करने के लिए आकर्षित किया जाएगा. इस नीति के माध्यम से ड्राई पोर्ट/अंतर्देशीय कंटेनर डिपो की स्थापना को प्रोत्साहित करने से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों और स्थानीय उत्पादकों को निर्यात बाजारों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा."
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रचुर वन संसाधनों, वन उपज और वन औषधीय उत्पादों के निर्यात के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जाएगा. नीति से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. राज्य में कुछ कानूनों के प्रावधानों को अपराध मुक्त करने के लिए छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक 2025 के प्रारूप को भी मंजूरी दी गई. उन्होंने कहा, "जन विश्वास विधेयक से कारोबार और जीवनयापन में आसानी बढ़ेगी. अनावश्यक न्यायिक मामलों और उनमें होने वाले खर्च में कमी आएगी."
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों के हित में एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में, कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ पेंशन फंड के गठन और उसके प्रबंधन और रेगुलेशन के संबंध में एक मसौदा विधेयक को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि आर्थिक मंदी के दौरान रेवेन्यू में असामान्य वृद्धि या कमी और वित्तीय सुरक्षा के समुचित प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ विकास और स्थिरता कोष के गठन के संबंध में मसौदा विधेयक को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है.(PTI)
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