दिवाली पर एक करोड़ परिवारों को मिलेगा एक्स्ट्रा राशन किट, इतने करोड़ रुपये हुए मंजूर

दिवाली पर एक करोड़ परिवारों को मिलेगा एक्स्ट्रा राशन किट, इतने करोड़ रुपये हुए मंजूर

राजस्थान सरकार ने 77वें स्वाधीनता दिवस के मौके पर अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना लांच की थी. इसमें खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल परिवारों को फूड किट बांटी जानी हैं. अन्नपूर्णा फूड पैकेट में एक-एक किलो चना दाल, चीनी, आयोडाइज्ड नमक, एक लीटर सोयाबीन रिफाइण्ड खाद्य तेल परिवारों को मिलता है.

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दिवाली पर एक करोड़ परिवारों को मिलेगा एक्स्ट्रा राशन किट, इतने करोड़ रुपये हुए मंजूरदिवाली पर एक करोड़ परिवारों को मिलेगा एक्स्ट्रा राशन किट. फाइल फोटो- DIPR

राजस्थान सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना में गरीब लोगों को सहारा देने की घोषणा की है. सरकार ने अक्टूबर और नवंबर महीने में 1.06 करोड़ परिवारों को अतिरिक्त किट देने की घोषणा की है. इससे प्रदेश के गरीब परिवारों को त्योहारी सीजन में मदद मिलेगी. सीएम गहलोत ने इसके लिए लगभग 360 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी है. घोषणा करते वक्त सीएम ने कहा कि दीपावली और अन्य त्योहारों को देखते हुए यह काम जरूरी था.

सरकार के इस निर्णय से राज्य के लगभग 1.06 करोड़ परिवारों को 15 अक्टूबर से 15 नवंबर की अवधि के दौरान दिये जाने वाले नियमित फूड पैकेट के अतिरिक्त एक अतिरिक्त किट मिलेगा.

क्या है अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना?

राजस्थान सरकार ने 77वें स्वाधीनता दिवस के मौके पर अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना लांच की थी. इसमें खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल परिवारों को फूड किट बांटी जानी हैं. अन्नपूर्णा फूड पैकेट में एक-एक किलो चना दाल, चीनी, आयोडाइज्ड नमक, एक लीटर सोयाबीन रिफाइण्ड खाद्य तेल परिवारों को मिलता है.

इसके अलावा सौ-सौ ग्राम मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर और 50 ग्राम हल्दी पाउडर दिया जा रहा है. सरकार का कहना है कि इससे प्रदेश के 1.04 करोड़ परिवारों को लाभ होगा. यह किट उन परिवारों को दी जाएगी, जिन्हें अभी पोस मशीन से खाद्य सामग्री बांटी जाती है.

क्या अतिरिक्त किट देना चुनावी रणनीति का हिस्सा है? 

राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में कांग्रेस सरकार ने बीते कुछ महीनों में ऐसी कई योजनाएं शुरू की हैं, जो सीधे  गांव, गरीब और किसान से जुड़ी हुई है. नवंबर में प्रदेश में वोटिंग होनी है. ऐसे में कांग्रेस का मानना है कि शायद उन्हें चुनावी बढ़त मिलने में यह घोषणा कामयाब रहे.

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इससे पहले भी गहलोत सरकार ने इंदिरा गांधी गैस सिलेंडर योजना, मुफ्त मोबाइल फोन योजना से गहलोत ने सीधे पूरे प्रदेश के महिला वर्ग को छूने की कोशिश की है. वहीं, मनरेगा में 25 दिन बढ़ाना, किसानों को दो हजार यूनिट बिजली मुफ्त देना भी किसानों और गरीब परिवारों को जोड़ने के मकसद से शुरू की गई योजनाएं हैं. 

कोविड प्रभावित परिवारों को भी मिलती है किट

योजना की शुरूआत करते वक्त मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भारत सरकार की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) में अधिकतम लाभार्थियों की सीमा निश्चित करने से कई जरूरतमंद परिवारों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसीलिए कोविड के दौरान राज्य सरकार ने जिन परिवारों को आर्थिक सहायता दी थी, उन्हें भी इस योजना में शामिल किया गया है. 

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बता दें कि राजस्थान सरकार ने कोविड के दौरान जरूरतमंद परिवारों का सर्वे कर लगभग 32 लाख खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल परिवारों और नॉन एनएफएसए परिवारों को 5500 रुपये की आर्थिक सहायता दी थी. इस मौके पर सीएम ने केन्द्र सरकार से मांग की कि राशन वितरण का समय 6-6 महीने बढ़ाने की बजाय इसे नियमित रूप से लागू कर देना चाहिए. 
 

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