केन्द्र सरकार की ओर से चलाई जा रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का राजस्थान में भी बड़ी संख्या में विस्तार है. इसी साल फरवरी में शुरू किए ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ स्कीम का लाभ भी प्रदेश के किसान उठा रहे हैं. सबसे बड़ी बात तो यह कि अब किसानों के हाथ में फसल बीमा के दस्तावेज पहुंच रहे हैं. ‘मेरी पॉलिसी मेरा हाथ’ अभियान के तहत किसानों को फसल बीमा के पूरे दस्तावेज दिए जा रहे हैं. इससे पहले काश्तगारों के पास बीमा का कोई पुख्ता सबूत नहीं था. केवल एक ही रसीद दी जाती थी, जिसके माध्यम से किसानों को अपनी फसल के नुकसान का दावा करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था. इसीलिए इसी साल 26 फरवरी को तत्कालीन केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने मध्यप्रदेश के बूढ़ी बरलाई गांव में इस अभियान की शुरूआत की थी. इस योजना के माध्यम से केंद्र सरकार का उद्देश्य देशभर के उन किसानों तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का पॉलिसी दस्तावेज पहुंचाना है, जिन्होंने पीएम फसल बीमा योजना का लाभ लिया है. बता दें कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 फरवरी 2016 को की थी. इस योजना के तहत फसलों का बीमा करवाया जाता है ताकि फसलों के नुकसान से होने वाले आर्थिक नुकसान को कम से कम किया जा सके.
टोंक जिले के किसान गोपीलाल चौधरी भी उन किसानों में शामिल हैं जिन्हें इस साल पॉलिसी सीधे घर पहुंचाई गई है. इससे पहले वे पॉलिसी के लिए ई-मित्रों के चक्कर काटते रहते थे.
राजस्थान में इस रबी सीजन में 6,30,887 किसानों ने अपनी फसलों का बीमा कराया है. 55, 78,571 आवेदन लोन लेने वाले किसानों के हैं. साथ ही करीब 48 हजार आवेदन गैर-ऋणी किसानों की हैं. इन सभी किसानों को मेरी पॉलिसी मेरे हाथ अभियान के तहत उनकी फसल बीमा की पॉलिसी दी जा रही है. ताकि किसी नुकसान की स्थिति में किसानों के हाथ में फसल के बीमित होने का सबूत हो. किसान अपने मोबाइल पर पीएम फसल बीमा एप के माध्यम से भी पॉलिसी डाउनलोड कर सकते हैं.
ये भी पढे़ं- महंगाई पर जल्द लगेगा ब्रेक! सरकार भारत आटे की तरह रिटेल में बेच सकती है चावल, बनाया गजब का प्लान
इसके लिए उन्हें एप डाउनलोड कर आवेदन नंबर डाल कर पॉलिसी मोबाइल में ही डाउनलोड कर सकते हैं. इसके अलावा किसान ई-मित्र पर जाकर भी पॉलिसी निकलवा सकते हैं. यह ऋणी और गैर- ऋणी किसान दोनों के लिए लागू है. वहीं, इस अभियान के तहत बीमा कंपनी किसानों को उनके घरों पर पॉलिसी के दस्तावेज पहुंचा रही है.
मेरी पॉलिसी- मेरे हाथ अभियान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का ही हिस्सा है. इस अभियान का उद्देश्य किसानों को अपनी फसलों का ज्यादा से ज्यादा बीमा कराने के लिए प्रेरित करना है. कार्यक्रम के तहत प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत बीमा लेने वाले प्रत्येक किसान को उनके घर पर ही पॉलिसी दस्तावेज मिल रहे हैं.
मेरी पॉलिसी- मेरे हाथ योजना के तहत किसानों को फसल बीमा के पूरे दस्तावेज दिए जा रहे हैं. इससे पहले उनके पास बीमा का कोई पुख्ता सबूत नहीं होता था. केवल एक रसीद ही दी जाती थी, जिसके माध्यम से किसानों को फसल के नुकसान का दावा करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था. इस अभियान के लागू होते ही किसानों को उनकी फसल बीमा से संबंधित सभी दस्तावेज आसानी से मिल रहे हैं. जिसके बाद मौसम या आपदा के कारण खराब हुई फसलों के लिए मुआवजे की मांग करना आसान हो रहा है.
ये भी पढे़ें- जीरे के रकबे में बंपर बढ़ोतरी, कीमतों में 1000 रुपये की आएगी गिरावट, जानें महंगाई पर कितना पड़ेगा असर
केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों की फसलों का बीमा किया जाता है. इसके बाद अगर किसान की फसल खराब मौसम या प्राकृतिक आपदा के कारण प्रभावित होती है तो किसान खुद मुआवजे की मांग कर सकता है.
पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से फसलों के खराब होने पर क्लेम दिया जाता है. प्राकृतिक आपदाओं में सूखा, तूफान, बेमौसम बारिश, बाढ़, ओलावृष्टि, कीट प्रकोप, चक्रवात को शामिल किया गया है. किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण उनकी फसलों को नुकसान होने पर सरकार से सस्ती दरों पर बीमा मिलता है.
बुआई से लेकर कटाई तक, पूरे फसल चक्र में फसल के नुकसान से योजना में सुरक्षा दी जाती है. एक आंकड़े के मुताबिक, पिछले 6 सालों में कुल 36 करोड़ किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़े हैं और किसानों को उनकी फसलों को हुए नुकसान के एवज में 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का मुआवजा दिया गया है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today