राजस्थान में एक कृषि अधिकारी ने 80 वर्षीय बुजुर्ग किसान को खेत में तारबंदी योजना का लाभ दिलवाया. इससे बुजुर्ग इतना खुश हुए कि वह अपने गांव से अधिकारी के दफ्तर तक धन्यवाद देने के लिए आ गए. बुजुर्ग किसान रामसहाय गुर्जर ने अपने खेते मे तारबंदी के लिए करीब एक महीने पहले आवेदन किया था. आवेदन मिलने पर सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर सिटी में सहायक कृषि अधिकारी पद पर काम कर रहे पिंटू मीना भौतिक सत्यापन के लिए गए. इसके कुछ दिन बाद ही किसान के खेतों की तारबंदी हो गई. इससे खुश होकर बुजुर्ग अपने गांव बाढ़ टटवाड़ा से 27 किलोमीटर दूर गंगापुसिटी पिंटू मीणा को धन्यवाद देने आ गए.
किसान रामसहाय गुर्जर कृषि अधिकारी पिंटू मीणा से मिलने गंगापुर सिटी से 27 किमी दूर बाढ़ टटवाड़ा से गंगापुर सिटी स्थित कृषि विभाग के कार्यालय पहुंचे. पिंटू बताते हैं कि अक्सर हमारे देश में यह आम धारणा है कि सरकारी काम लेट-लतीफी और बिना पैसों के नहीं हो सकता, लेकिन यह बात गलत है. हमें करीब एक महीने पहले किसान रामसहाय का तारबंदी के लिए आवेदन मिला था. जरूरी कार्यवाही करने के बाद मैं हफ्तेभर पहले ही उनके खेतों में भौतिक सत्यापन के लिए गया. उसी दौरान मैंने उन्हें अपने मोबाइल नंबर शेयर कर दिए थे. अगले कुछ ही दिनों में उनके खेतों की तारबंदी हो गई. इसी से खुश होकर वे हमें ढूंढ़ते हुए ऑफिस आ गए. ”
ये भी देखें- Video: क्या आपने कभी पी है रागी की चाय, जानें फायदें
पिंटू आगे कहते हैं कि किसान रामसहाय इतने खुश थे कि उन्होंने हमें खूब आशीर्वाद दिए, जब उन्होंने कहा कि मैं उनके दिल में उसी तरह से हूं जैसे हनुमान जी के सीने में राम-जानकी रहते हैं. मेरे लिए यह खुशी के साथ-साथ भावुक पल भी था.
पिंटू थोड़े भावुक होकर किसान तक से कहते हैं कि मैंने कभी अपने दादाजी को नहीं देखा है, लेकिन जब इस तरह काम होने पर बुजुर्गों और लोगों को प्यार मिलता है तो मैं उनमें अपने दादा जी की ही छवि देखता हूं. वे अपने बच्चों की तरह ही हमें प्यार देते हैं.
पिंटू आगे कहते हैं कि मेरा हमेशा मानना रहा है कि फील्ड में जब भी जाओ, काम के साथ-साथ अच्छा व्यवहार भी करो. ताकि आपकी वजह से लोगों के जीवन मे खुशियां आएं.
किसान रामसहाय और उनके बेटे के नाम से चार हेक्टेयर खेती गांव बाढ़ टटवाड़ा में है. उन्हें राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन के तहत दी जाने वाली अनुदान सहायता में से सरकारी मदद मिली है. उन्हें चार हेक्टेयर के लिए 400 मीटर तार मिले हैं. इसके लिए उन्हें 40 हजार रुपये की राशि दी गई है. इससे रामसहाय को खेतों में आने वाले निराश्रित पशुओं से निजात मिलेगी. फसलों का नुकसान भी नहीं होगा.
ये भी पढ़ें- दूध के नहीं मिल रहे थे दाम... अब मिठाई की दुकान खोल कर मोटा मुनाफा कमा रहा किसान
राजस्थान सरकार नीलगाय और अन्य जानवरों से फसल को बचाने के लिए खेतों की तारबंदी के लिए सब्सिडी देती है. योजना का लाभ लेने के लिए व्यक्तिगत आवेदन में न्यूनतम 1.5 हेक्टेयर भूमि एक ही स्थान पर होना आवश्यक है. तारबंदी के लिए खेत की पेरिफेरी में लघु एवं सीमान्त कृषकों को लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 48 हजार रुपए जो भी राशि कम हो, दी जाती है. साथ ही अन्य श्रेणी के किसानों को लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 40 हजार रुपये, जो भी कम होती है उसका अनुदान दिया जाता है. प्रति किसान 400 रनिंग मीटर की सीमा तक अनुदान देय होता है.
तारबंदी योजना का लाभ लेने के लिए किसान नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा राज किसान सुविधा एप या राज किसान साथी पोर्टल से भी किसान सीधे आवेदन कर सकते हैं. आवेदक आवेदन पत्र ऑन-लाइन जमा करने की रसीद भी ऑन-लाइन प्राप्त करता है. आवेदनके लिए किसान के पास आधार कार्ड, जन आधार कार्ड, जमाबंदी की नकल जो छह महीने से अधिक पुरानी नहीं हो और बैंक खाते की जानकारी चाहिए होती है.
ये भी पढ़ें-KVK रांची ने विकसित किए सात जैविक गांव, सक्सेस स्टोरी में पढ़ें बदलाव की कहानी
ये भी पढ़ें-सालाना 25 लाख की नौकरी छोड़ शुरू किया था गौपालन, अब 140 रुपये लीटर बेच रहे हैं दूध
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today