महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को मुख्यमंत्री बालिराजा मुफ्त बिजली योजना के तहत कृषि पंप उपयोगकर्ताओं के लिए राज्य विद्युत वितरण कंपनी महाडिस्कॉम को 2,172 करोड़ रुपये आवंटित करने की मंजूरी दी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को कृषि पंपों के लिए बिजली की लागत से राहत देना है, ताकि वे अपनी फसलों की सिंचाई और उत्पादन में बढ़ोतरी कर सकें. योजना के तहत 7.5 एचपी तक क्षमता वाले कृषि पंप मालिक किसानों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जाएगी. यह योजना अप्रैल 2024 से मार्च 2029 तक लागू रहेगी.
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए इस योजना के लिए कुल 15,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसमें से पहले ही 1,864 करोड़ रुपये नकद और 4,136 करोड़ रुपये समायोजन के माध्यम से जारी किए जा चुके हैं. सरकार ने महाडिस्कॉम को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आवंटित राशि का उपयोग केवल निर्धारित उद्देश्य के लिए ही किया जाए. समायोजित राशि कंपनी की राज्य को चुकाने योग्य बकाया बिजली शुल्क से समायोजित की जाएगी.
इस योजना से किसानों को बिजली खर्च की चिंता कम करने और खेती में निवेश बढ़ाने का अवसर मिलेगा. कृषि क्षेत्र में इस योजना की महत्वता इसलिए भी बढ़ जाती है, क्योंकि महाराष्ट्र में खेती पर बिजली की लागत का बड़ा असर होता है. छोटे और मध्यम किसान जो सीमित संसाधनों में खेती करते हैं, उनके लिए मुफ्त बिजली एक बड़ी राहत साबित होगी. इससे उन्हें सिंचाई के लिए अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ेगा और उनकी फसल उत्पादन क्षमता में भी सुधार होगा.
इसके अलावा, राज्य सरकार ने कई बड़े अवसंरचना परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में कैबिनेट ने मुंबई मेट्रो लाइन-11, ठाणे सर्कुलर मेट्रो और पुणे मेट्रो लाइन्स 2 और 4 के विस्तार को हरी झंडी दी है. नागपुर में अंतरराष्ट्रीय बिजनेस और फाइनेंस सेंटर बनाने और बाहरी रिंग रोड का निर्माण करने की भी मंजूरी दी गई है, जिससे लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे.
सरकार ने उपनगरीय रेल विस्तार के तहत मुंबई में 238 एसी लोकल ट्रेनें खरीदने और नए 136 किलोमीटर मार्ग तैयार करने का भी निर्णय लिया है. साथ ही विकलांग लाभार्थियों को संजय गांधी निराधार और श्रवणबाल योजनाओं के तहत मासिक सहायता 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये करने का निर्णय लिया गया. ऊर्जा क्षेत्र में थर्मल पावर प्लांट्स के लिए फ्लाई ऐश उपयोग नीति को संशोधित किया गया और जनजातीय विकास के लिए केंद्र की प्री-मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना लागू करने का भी फैसला किया गया. (पीटीआई)
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