मध्य प्रदेश में सरकार किसानों के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चला रही है. ऐसी ही एक खास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं को मात्र 5 रुपये में बिजली कनेक्शन दिए जा रहे हैं. बिजली कनेक्शन मिलने से किसानों को सिंचाई के लिए कृषि पंप चलाने में आसानी होगी. वर्तमान में कई क्षेत्रों में किसान डीजल जनरेटर से कृषि पंप चलाते हैं, जो प्रदूषण को बढ़ावा तो देता ही है साथ ही इसमें लागत भी ज्यादा आती है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक लगभग 26 हजार किसानों को 5 रुपये में बिजली कनेक्शन की सुविधा दी जा चुकी है. वहीं, लगभग 12 हजार गांव में रहने वाले उपभोक्ताओं को भी बिजली कनेक्शन दिए जा चुके हैं.
राज्य सरकार ने बिजली कनेक्शन लेने की प्रक्रिया को आसान बनाते हुए इसे ऑनलाइन कर दिया है. अब किसानों को कनेक्शन के लिए बिजली दफ्तर के चक्कर नहीं काटने होंगे. इसके लिए किसानों को सरल संयोजन पोर्टल पर आवेदन करना होगा. किसान अपने नजदीकी एमपी ऑनलाइन पोर्टल, सीएसी सेंटर या पैक्स सेंटर पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
आवेदन के लिए किसानों को मात्र दो दस्तावेज अपलोड करने होंगे. पहचान पत्र- आधार कार्ड/वोटर आईडी और जिस जगह/परिसर में कनेक्शन लगवाना है, उसका स्वामित्व या अधिवास से जुड़ा साक्ष्य. सरकार ने एमपी ऑनलाइन कियोस्क से आवेदन के लिए 59 रुपये की फीस तय की है. किसानों को इससे ज्यादा फीस देने की जरूरत नहीं है.
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आवेदन करने के बाद किसानों को विद्युत नियामक आयोग की ओर से तय शुल्क के ऑनलाइन भुगतान और तकनीकी रूप से सही पाए जाने पर तय समय-सीमा के अनुसार, कमिश्नरी मुख्यालय में 5 दिन, शहरी क्षेत्रों में 7 दिन और ग्रामीण क्षेत्र में 15 दिन के अंदर बिजली कनेक्शन मिल जाएगा. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बयान जारी कर कहा है कि आवेदक किसी भी अनधिकृत व्यक्ति के माध्यम से आवेदन न करें. सिर्फ ऑनलाइन प्रक्रिया का पालन करके सुविधा का लाभ उठाएं.
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक क्षितिज सिंघल ने कहा है कि बिजली उपभोक्ताओं को निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली सप्लाई करने के साथ त्वरित उपभोक्ता सुविधाएं उपलब्ध कराना कंपनी की प्राथमिक जिम्मेदारी है. कंपनी ने अनधिकृत रूप से काम करने वालों के खिलाफ तथ्यात्मक परीक्षण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं और जांच के बाद ऐसे प्रकरणों में लिप्त पाए जाने वाले दोषी व्यक्ति या कर्मचारियों के खिलाफ नियम के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
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