झारखंड सरकार के युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए भी कई योजनाएं चला रही है. उन्हें कई प्रकार का प्रशिक्षण देकर उनका क्षमता विकास किया जा रहा है. जिससे की वो सरकारी नौकरियों के लिए निकलने वाले आवेदन भी भर सके और निजी तौर पर भी काम कर सके. इसी के तहत राज्य के युवाओं को माली का प्रशिक्षण, कृषक मित्रों को प्रशिक्षण के साथ-साथ सब्जी की खेती के लिए भी प्रशिक्षण दिया जाता है. इस प्रशिक्षण को पाकर युवा अच्छी तरह से खेती कर सकते हैं और माली का भी काम कर सकते हैं. इस तरह से उनके लिए रोजगार का एक बेहतर विकल्प मिल जाता है. बड़े शहरों में प्रशिक्षित माली की भी खूब मांग होती है.
इसी के तहत राज्य के युवाओं को सरकार माली का प्रशिक्षण देगी. इस योजना का उद्देश्य शहरों के सौदंर्यीकरण करने के लिए राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है. इसके लिए भारत सरकार और राज्य सरकार के चिह्नित संस्थानों या एग्रीकल्चर स्किल काउंसिंल ऑफ इंडिया की तरफ से मान्यता प्राप्त संस्थानों में यह प्रशिक्षण दिया जाएगा. युवाओं को दिया जाने वाला यह सर्टिफिकेट प्रशिक्षण 200 घंटे को होगा जिसे 25 दिनों में पूरा किया जाएगा. इतना ही नहीं माली का प्रशिक्षण पाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से 17500 रुपये दिए जाएंगे. इस प्रशिक्षण का फायदा राज्य के किसानों को मिलेगा.
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युवाओं को माली बनाने के लिए मान्यता प्राप्त संस्थाओं से प्रशिक्षण दिया जाएगा. उन्हें प्रतिदिन आठ घंटे के प्रशिक्षण के लिए 336 रुपये दिए जाएंगे. इस तरह से 200 घंटे 25 दिन में पूरे होंगे. इसके लिए उन्हें 8400 रुपये दिए जाएंगे. ट्रेनिंग के दौरान प्रतिदिन रहने और खाने के लिए 220 रुपये दिए जाएंगे. इस तरह से प्रत्येक ट्रेनिंग कर रहे युवा को 30 दिनों के 6600 रुपये दिए जाएंगे. इसके साथ ही प्रशिक्षण और मूल्यांकण और प्रमाण पत्र के प्रति प्रशिक्षणार्थी 1000 रुपये दिए जाएंगे.इसके साथ ही परिवहन पर खर्च के लिए वास्तविक व्यय या फिर अधिकतम 1500 रुपये दिए जाएंगे. इस तरह से प्रत्येक पर 17500 रुपये का खर्च होगा.
माली का प्रशिक्षण पाने के लिए राज्य का स्थानीय निवासी होना आवश्यक है. उन युवाओं का चयन इस प्रशिक्षण के लिए किया जाएगा जिनकी उम्र 20 से 45 वर्ष के बीच की हो. प्रशिक्षण पाने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता दसवीं पास रखी गई है. इसके अलावा प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए कृषि और उद्यानिकी फसलों के क्षेत्र में अनुभव होना जरुरी है. ग्राम पंचायत, वार्ड और मुखिया द्वारा अनुमोदित युवा किसानों को ही इस प्रशिक्षण मे शामिल किया जाएगा. योजना के तहत पूरे राज्य के 600 युवाओं को माली का प्रशिक्षण देने के लिए चयन किया जाएगा.
माली के प्रशिक्षण के अलावा राज्य के युवाओं को बागवानी, उद्यान मित्रों और किसानों को पांच दिनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा. राज्य के सभी जिलों के पंचायतों स्तर और प्रखंड स्तर पर चयनित कृषक मित्रों को उद्यानिकी फसलों की तकनीकी खेती के लिए जानकारी उपलब्ध कराने के संबंध में जिला स्तर पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस प्रशिक्षण के लिए प्रति बागवान प्रति दिन 336 रुपये दिए जाएंगे और ठहरने के लिए 220 रुपये प्रतिदिन प्रति व्यक्ति की दर से दी जाएगी. इस तरह से कुल मिलाकर प्रशिक्षण हासिल करने के लिए प्रति कृषक मित्र को 2780 रुपये दिए जाएंगे. साथ ही यात्रा भत्ता के लिए 1000 रुपये भी दिए जाएंगे. इस तरह से प्रति व्यक्ति 3780 रुपये दिए जाएंगे.
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प्रशिक्षण के लिए पंचायत स्तर पर एक-एक बागवान मित्र का चयन किया जाएगा. इसके लिए उनका चयन होगा जिनके पास प्रखंड, पंचायत स्तर पर बागवानी कार्यों का अनुभव है. उसकी शैक्षणिक योग्यता दसवीं पास या उसके समकक्ष होनी चाहिए. इसके साथ ही उसके पास साइकिल या मोटरसाइकिल चलाने की जानकारी होनी चाहिए. वह उस संबंधित गांव पंचायत और प्रखंड का स्थायी निवासी होना चाहिए. साथ ही उसे गांव के अंदर में रहते हुए गांव-गांव किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए कार्य करना चाहता हो. वैसे वयक्ति को ग्राम पंचायत, वार्ड सदस्य और मुखिया की तरफ से अनुसंशित किया जाएगा, तब उसका चयन प्रशिक्षण के लिए किया जाएगा.
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