सरकार आम जनता की भलाई और उन्हें सशक्त बनाने के लिए अलग-अलग योजनाएं चलाती है, लेकिन कई लोग इसका गलत फायदा उठाने के लिए पहले से ही तैयार बैठें होते हैं. ताजा मामला झारखंड सरकार की मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना (JMMSY) का है, जिसमें हजारों लोगों ने गलत तरीके से पैसे हासिल करने के लालच से आवेदन किया. राज्य सरकार ने महिलाओं को आर्थिक सहायता पहुंचाने और उन्हें सशक्त बनाने के इरादे से यह योजना चलाई है. जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है, जहां झारखंड के पड़ोसी राज्य बंगाल से एक युवक ने अलग-अलग नाम से 94 आवेदन किए.
जानिए पूरा मामला…
अफसरों ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के एक व्यक्ति ने योजना का लाभ उठाने के लिए एक ही बैंक खाते का इस्तेमाल करते हुए झारखंड सरकार की मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना (जेएमएमएसवाई) के लिए अलग-अलग जगहों से 94 आवेदन जमा किए थे. जेएमएमएसवाई के तहत राज्य सरकार 18-50 वर्ष की आयु वर्ग की लगभग 56 लाख महिलाओं के बैंक खाते में 2,500 रुपये प्रति माह भेजती है.
माना जाता है कि जेएमएम के नेतृत्व वाली इंडिया गठबंधन सरकार ने जेएमएमएसवाई के कारण ही सत्ता को बरकरार रख सकी. पिछले साल अगस्त में शुरू की गई इस योजना में शुरू में महिलाओं को 1,000 रुपये दिए गए. वहीं, विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्तारूढ़ इंडिया गठबंधन ने राशि को बढ़ाकर 2,500 रुपये प्रति माह करने की घोषणा की थी, जिसे वादे के अनुसार बढ़ा भी दिया.
बोकारो के डिप्टी कमिश्नर जाधव विजय राव ने धोखाधड़ी से JMMSY का लाभ लेने की कोशिश करने वालों का पर्दाफाश करते हुए ऐसे आवेदकों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं. इस कार्रवाई में पश्चिम बंगाल का एक शख्स भी शामिल है, जिसने अलग-अलग स्थानों पर एक ही खाते से 94 आवेदन दाखिल किए थे. अधिकारी ने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य वित्तीय सहायता प्रदान करके महिलाओं को सशक्त बनाना है, लेकिन जांच में इसके लाभों का फायदा उठाने के उद्देश्य से धोखाधड़ी की गतिविधियों का पता चला.
अधिकारी ने कहा, "पश्चिम बंगाल के यूसुफ नामक व्यक्ति ने एक ही बैंक खाते का उपयोग करके JMMSY के लिए अलग-अलग नामों से 94 आवेदन रजिस्टर किए थे. जिले भर के विभिन्न ब्लॉकों से जमा किए गए इन आवेदनों को जब नियमित भौतिक सत्यापन में जांचा गया तो अफसरों को शक हुआ. 94 आवेदन में से 49 आवेदन चंदनकियारी क्षेत्र से, 20 कसमार क्षेत्र से, 12 बेरमो क्षेत्र से और 7 गोमिया क्षेत्र से जमा किए गए थे.
बोकारो के डीसी ने कहा कि इसके अलावा 78 आवेदन पश्चिम बंगाल के एक व्यक्ति द्वारा अगस्त 2024 में खोले गए एक ही बैंक खाते का उपयोग करके अलग-अलग नामों से दाखिल किए गए थे. इन आवेदनों पर दर्ज राशन कार्ड नंबर भी जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा फर्जी पाए गए. फर्जी आवेदनों में किस्कू, हंसदा और मुर्मू जैसे उपनाम थे, जो आमतौर पर झारखंड में पाए जाते हैं. इसके अलावा सत्यापन की प्रक्रिया में 11,200 डुप्लिकेट आवेदनों का भी पता चला.
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