बिहार में नई सरकार की सख्त कार्रवाई: सरकारी जमीन पर अतिक्रमण रोकने के लिए सभी जिलों में बनेगा लैंड बैंक

बिहार में नई सरकार की सख्त कार्रवाई: सरकारी जमीन पर अतिक्रमण रोकने के लिए सभी जिलों में बनेगा लैंड बैंक

उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अतिक्रमण मामलों में अधिकारियों की जवाबदेही तय करने, दोषियों से वसूली और राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों के त्वरित निपटारे पर जोर दिया. जिलों के गजेटियर निर्माण में भी तेजी लाने के निर्देश.

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बिहार सरकार की सख्त कार्रवाई: सरकारी जमीन पर कब्जा रोकने के लिए सभी जिलों में बनेगा लैंड बैंकबिहार में भूमि अतिक्रमण के खिलाफ होगी कार्रवाई

बिहार में बनी नई एनडीए की सरकार भूमि अतिक्रमण के खिलाफ काफी सख्त दिख रही है. बीते एक सप्ताह के दौरान राज्य के कई जिलों में अतिक्रमण मुक्त अभियान की रफ्तार में गति देखने को मिली है. वहीं, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग सरकारी जमीनों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए जिलों में लैंड बैंक बनाने जा रहा है. राज्य के उपमुख्यमंत्री सह विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा का मानना है कि अतिक्रमण के मामलों में केवल अतिक्रमणकर्ता ही नहीं बल्कि संबंधित अधिकारी और कर्मचारी भी जिम्मेवार होते हैं. वैसे अधिकारियों के खिलाफ भी विभागीय स्तर पर कार्रवाई करने की बहुत जरूरत है.

अतिक्रमण नहीं रोकने पर अधिकारियों को देना होगा जवाब

उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा अतिक्रमण रोकने को लेकर काफी सक्रिय दिख रहे हैं, जिसको लेकर वे लगातार विभागीय समीक्षा बैठक भी कर रहे हैं. इसी कड़ी में सरकारी जमीन पर बढ़ते अतिक्रमण का संज्ञान लेते हुए सिन्हा ने सभी जिलों में लैंड बैंक बनाने की घोषणा की. उन्होंने बताया कि कई जिलों में सरकारी जमीन पर कब्जे की व्यापक शिकायतें मिल रही हैं. इसके समाधान के लिए विशेष टीम गठित कर सत्यापन और निगरानी की जाएगी. अतिक्रमण रोकने और मुक्त कराने की संयुक्त जिम्मेवारी तय होनी चाहिए. जांच कर गैर-जिम्मेवार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए और जरूरत पड़ने पर उनसे वसूली की कार्रवाई भी हो.

भूमि से जुड़े मामलों को कम करने की जरूरत

उपमुख्यमंत्री ने अंचलाधिकारी से लेकर प्रमंडलीय आयुक्त स्तर तक के राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि नियम अनुसार केस निष्पादन सुनिश्चित किया जाए. अत्यधिक पेंडिंग वाले न्यायालयों में अस्थायी तौर पर अतिरिक्त अधिकारी की तैनाती की जाएगी. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पीड़ित जनता को बार-बार कार्यालयों का चक्कर लगाने की मजबूरी अस्वीकार्य है.

गजेटियर निर्माण में तेजी लाने की जरूरत

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के तीनों निदेशालयों—चकबंदी, भू-अभिलेख एवं परिमाप और भू-अर्जन—के कार्यों की प्रगति पर विस्तार से बीते दिनों मंत्री ने समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने जिलों के गजेटियर निर्माण की समीक्षा करते हुए कहा कि गजेटियर किसी भी जिले की संपूर्ण जानकारी का प्रमाणिक दस्तावेज होता है, इसलिए सभी जिलों में इसका प्रकाशन विभाग पहली प्राथमिकता के आधार पर कराए. उन्होंने कहा कि सारण, पटना और दरभंगा जिले का गजेटियर तैयार करने का काम अपने अंतिम चरण में है, वहीं सहरसा, पूर्णिया प्रमंडल के साथ जिलों के कार्य प्रगति पर हैं. इसी के साथ ही अन्य प्रमंडलों के भी गजेटियर बनाने के कार्य में तेजी लाने की जरूरत है.

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