बिहार सरकार राज्य के उन युवाओं सहित किसानों के लिए सुनहरा मौका लेकर आई है, जो डेयरी के क्षेत्र में खुद का रोजगार शुरू करना चाहते हैं. इन लोगो के लिए पशु और मत्स्य संसाधन विभाग डेयरी की स्थापना को लेकर सुहनरा मौका दे रही है. विभाग ने गाय और भैंस पालन से जुड़ी कई योजनाओं में सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. इन योजनाओं में देसी गौपालन योजना, समग्र भैंस पालन योजना और समग्र गव्य विकास योजना शामिल है. जिसमे डेयरी स्थापना को लेकर लागत का 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दिया जा रहा है. वहीं, इन सभी योजना का लाभ उठाने के लिए 25 जुलाई 2025 तक वेबसाइट dairy.bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है.
बता दें कि बिहार सरकार की इन योजनाओं से राज्य में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार दिलाने में बड़ी मदद मिलेगी. वहीं, ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी क्षेत्र में स्वरोजगार का एक मार्ग भी खुलेगा. विशेषतौर से ऐसा देखा जाता है कि ग्रामीण क्षेत्र की आबादी का एक अच्छा हिस्सा पशुपालन से जुड़ा होता है. उनके लिए डेयरी का व्यवसाय काफी लाभकारी हो सकता है.
समग्र भैंस पालन योजना 2025-26 योजना के तहत एक या दो उन्नत नस्ल की दूध देने वाली भैंस खरीदने के लिए किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान दी जाएगी. इस योजना में अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए 75% और अन्य समूहों के लिए 50% तक की सब्सिडी देने की घोषणा की गई है. इसमें एक भैंस के लिए 1,21,000 रुपये और 2 भैंसों के लिए 2,42,000 रुपये की लागत निर्धारित की गई है, जिसपर पर सब्सिडी राशि उपलब्ध होगी. वहीं, अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लिए क्रमशः 90,750 रुपये और 1,81,500 रुपये, जबकि अन्य वर्गों के लिए 60,500 रुपये और 1,21,000 रुपये का सब्सिडी दी जाएगी.
देसी गौपालन योजना और समग्र गव्य विकास योजना के अंतर्गत दो, चार उन्नत नस्ल के दुधारू मवेशियों /बाछी- हीफर की डेयरी इकाइयों की स्थापना के लिए लोन-कम-सब्सिडी की सुविधा दी जा रही है. दो मवेशियों की इकाई के लिए 1.74 लाख रुपए, चार मवेशियों के लिए 3.90 लाख रुपए की लागत निर्धारित की गई है, जिसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति/जनजाति को 75% और अन्य को 50% सब्सिडी मिलेगा.
समग्र गव्य विकास योजना के अंतर्गत दो, चार, पंद्रह और बीस उन्नत नस्ल के दुधारू मवेशियों/बाछी- हीफर की डेयरी इकाइयों की स्थापना के लिए ऋण-सह-अनुदान की सुविधा दी जा रही है. दो मवेशियों की इकाई के लिए 1.74 लाख रुपए, चार मवेशियों के लिए 3.90 लाख रुपए की लागत निर्धारित की गई है, जिसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति/जनजाति को 75% और अन्य को 50% सब्सिडी मिलेगी. वहीं पंद्रह और बीस मवेशियों की इकाइयों पर सभी वर्गों को 40% सब्सिडी मिल रहा है, जिसमें पंद्रह मवेशियों/बाछी -हीफर के लिए 15.34 लाख रुपए और बीस मवेशियों/बाछी -हीफर के लिए 20.22 लाख रुपए की लागत निर्धारित की गई है.
देसी गौपालन प्रोत्साहन योजना के तहत डेयरी स्थापित करने के लिए अब तक 02 दुधारू मवेशी श्रेणी में 1128 आवेदन आ चुके हैं. वहीं 04 दुधारू मवेशी के श्रेणी में 871 आवेदन आए हैं. इस तरह से इस योजना के तहत कुल 1999 आवेदन आ चुके हैं. इसके साथ ही समग्र गव्य विकास योजना के तहत डेयरी स्थापित करने के लिए अब तक 2 दुधारू मवेशी श्रेणी में 2201 आवेदन आ चुके हैं. 4 दुधारू मवेशी श्रेणी में 911, 15 दुधारू मवेशी श्रेणी में 161, 20 दुधारू मवेशी श्रेणी में 116 आवेदन आ चुके हैं. हाल के समय में कुल 3389 आवेदन आ चुके हैं.
वहीं समग्र भैंस पालन योजना के तहत डेयरी स्थापित करने के लिए अभी तक कुल 933 आवेदन आए हैं, जिसमें,01 दुधारू मवेशी की श्रेणी में अब तक 113 आवेदन, 02 दुधारू मवेशी की श्रेणी में 820 आवेदकों ने आवेदन किया है. वहीं गाय और भैंस पालन योजना से स्वरोजगार पाने वाले अब तक कुल 6321 आवेदन आ चुके हैं जिसमें महिलाओं के आवेदन की संख्या 2238 है.
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