Bihar News: धान, गेहूं की जगह मोटे अनाजों की खेती को मिले बढ़ावा: कृषि मंत्री

Bihar News: धान, गेहूं की जगह मोटे अनाजों की खेती को मिले बढ़ावा: कृषि मंत्री

कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि मौसम परिवर्तन के कारण सही समय और पर्याप्त मात्रा में बारिश नहीं होने से धान और गेहूं की फसल काफी प्रभावित हो रही है. इसको देखते हुए धान, गेहूं के रकबा को कम किया जाए और कम पानी की खपत वाली फसलों की खेती की जाए.

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Bihar News: धान, गेहूं की जगह मोटे अनाजों की खेती को मिले बढ़ावा: कृषि मंत्रीकृषि मंत्री bau में प्रसार शिक्षा निदेशालय तथा बीज एवं प्रक्षेत्र निदेशालय के नवनिर्मित भवन के उद्घाटन करते हुए . फोटो- किसान तक

मौसम के मिजाज में हो रहे बदलाव के बीच समय की मांग को देखते हुए बिहार सरकार उन फसलों की खेती पर जोर देगी जिनकी वर्तमान समय में मांग है. वहीं धान, गेहूं की खेती की जगह अन्य फसलों की खेती करने के लिए किसानों को प्रेरित किया जाएगा. बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि राज्य के प्रत्येक जिले से वर्तमान मौसम के अनुकूल कृषि प्रणाली को अपनाने संबंधी आंकड़ों को जुटाया जाएगा. उसके अनुसार सभी जिलों के लिए एक स्वतंत्र कार्ययोजना बनाकर काम किया जाएगा. ये बातें कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही.

बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के सहयोग से भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के अधीन पौधा किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (PPV&FRA) नई दिल्ली द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर दिए जाने वाले पुरस्कारों के लिए बिहार के दो कृषक समुदायों और चार कृषकों का चयन हुआ है जो विश्वविद्यालय के साथ सूबे के लिए गर्व की बात है.

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राज्य में मोटे अनाज की खेती को मिलेगा बढ़ावा 

कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि मौसम परिवर्तन के कारण सही समय और पर्याप्त मात्रा में बारिश नहीं होने से धान और गेहूं की फसल काफी प्रभावित हो रही है. इसको देखते हुए धान, गेहूं के रकबा को कम किया जाए. उनकी जगह  कम पानी और कम खर्च में होने वाली फसलों की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाए. इसमें मोटे अनाज की खेती सफल उदाहरण है.

कृषि मंत्री ने कहा, आज के समय में मोटे अनाजों की काफी मांग है. वहीं राज्य में मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा और अनुसंधान के लिए गया जिले में 150 करोड़ की लागत से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जा रहा है जिका लाभ किसानों को होगा. वहीं कृषि विभाग के द्वारा भूमि संरक्षण पर आवश्यकता अनुसार आधारित अनुसंधान के लिए भी "सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा. इसके साथ ही कृषि मंत्री ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की तात्कालिक समस्याओं के समाधान के लिए छोटे-छोटे वीडियो मैसेज बनाकर सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर डालें जिससे राज्य के किसानों को अधिक लाभ मिल सके.   

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चतुर्थ कृषि रोडमैप किसान और खेती को देगा सफल मुकाम

इस मौके पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा, शोध प्रसार सहित अन्य गतिविधियां हर रोज़ एक सफल मुकाम हासिल कर रही हैं. बिहार कृषि विश्वविद्यालय के 81 छात्रों ने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. वहीं विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा के निदेशक डॉ आर. के सोहाने ने कहा कि चतुर्थ बिहार कृषि रोडमैप के क्रियान्वयन से राज्य में कृषि प्रसार को नया आयाम मिलेगा. साथ ही राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक प्रखंड में स्थापित ई-किसान भवन को सूचना संचार क्रांति से जोड़कर उसे किसानों के घर-घर तक पहुंचाया जाएगा.

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