Meerut: शुगर मिलों और अफसरों पर शोषण का आरोप, कड़कड़ाती ठंड में गन्ना भवन पर किसानों का धरना जारी

Meerut: शुगर मिलों और अफसरों पर शोषण का आरोप, कड़कड़ाती ठंड में गन्ना भवन पर किसानों का धरना जारी

बकाया भुगतान, गन्ना तौल में गड़बड़ी और कमीशनखोरी के आरोपों को लेकर चार दिनों से आंदोलन, मांगें न मानी गईं तो 21 दिसंबर को महापंचायत की चेतावनी.

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शुगर मिलों और अफसरों पर शोषण का आरोप, कड़कड़ाती ठंड में गन्ना भवन पर किसानों का धरना जारीमेरठ में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी

शुगर मिलों और गन्ना विभाग के अफसरों पर शोषण और कमीशनखोरी का आरोप लगाते हुए सैकड़ों गन्ना किसान पिछले चार दिनों से मेरठ के गन्ना भवन पर धरना दे रहे हैं. कड़कड़ाती ठंड के बावजूद किसानों का आंदोलन लगातार जारी है.

बुधवार की रात रात्रिभोजन के बाद धरनास्थल पर अलग ही नजारा देखने को मिला. ठंड और परेशानियों के बीच किसानों ने ढोल-नगाड़ों की धुन पर झूमकर नृत्य किया और कुछ देर के लिए अपने गम भुला दिए. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

बकाया भुगतान में देरी का आरोप

धरनास्थल पर किसानों ने शुगर मिलों पर बकाया भुगतान में देरी, गन्ना तौल में गड़बड़ी और अधिकारियों की मनमानी का आरोप लगाते हुए सरकार से जल्द समाधान की मांग की.

वही इस मामले में भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष अनुराग चौधरी ने बताया कि हमारे धरने का चौथा दिन है. गन्ना भवन पर हमारा धरना चल रहा है. जो अधिकारी हमारा शोषण कर रहे हैं उसके विरोध में ये आंदोलन है. जब तक पिछले साल वाला नियम का लागू नहीं होगा तब तक यह चलता रहेगा. जैसा पिछले साल भाड़ा था इसी साल भी उसी तरीके से किया जाए. चौधरी ने कहा, लगातार एडीएम सिटी हमसे बातचीत कर रहे हैं लेकिन अभी समाधान नहीं हुआ है.

बीकेयू के बैनर तले आंदोलन

यह आंदोलन भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले चल रहा है. यूनियन के कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर प्रशासन उनकी मांगें नहीं मानता है तो 21 दिसबंर को महापंचायत की जाएगी जिसमें संगठन के प्रवक्ता राकेश टिकैत भी शामिल होंगे. कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भरोसा है, लेकिन अधिकारी जानबूझ कर परेशान कर रहे हैं और प्रदेश सरकार को बदनाम कर रहे हैं.

आंदोलन कर रहे किसानों ने गन्ना इंडेंट बढ़ाने और मिलों की कथित तानाशाही रोकने की मांग की है. मांग पूरी नहीं होने पर किसानों ने गन्ना भवन की छत पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन किया. यहां तक कि भवन में ताले भी जड़ दिए. किसानों ने दफ्तर परिसर में ही गद्दे लगाकर, अलाव जलाकर और म्यूजिक बजाकर विरोध प्रदर्शन जारी रखा है. रात-दिन किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी जब तक आंदोलन जारी रहेगा.

चीनी मिलों की मनमानी

किसानों ने आरोप लगाया है कि गन्ने की किस्में चीनी मिलों ने दी, लेकिन जब उसे खरीदने की बारी आई तो रिजेक्ट कर दिया. अब ऐसी किस्में बोने की सलाह दी जा रही है जिसमें लागत अधिक आती है. दवा और स्प्रे का खर्च अधिक होता है. किसानों ने इसे चीनी मिलों की मनमानी बताया. बुधवार को एसडीएम सिटी बृजेश कुमार ने किसानों से बात की, लेकिन उसका कोई समाधान नहीं निकला.

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