बिहार के समस्तीपुर से एक अच्छी खबर सामने आई है. यहां पर सिर्फ 11 साल के बच्चे शहबाज ने क्रैक रेलवे ट्रैक को देखकर लाल गमछा दिखाकर ट्रेन को रोक कर 1500 यात्रियों की जान बचा ली. अपने इस बहादुरी भरे कारनामे की वजह से वह खूब सुर्खियां बटोर रहा है. लोग उसे अब सम्मानित करने पहुंच रहें है. वही रेलवे भी उससे पुरस्कृत करने की बात कह रही है. आपको बता दें कि पिछले शनिवार को समस्तीपुर मुजफ्फरपुर रेलखंड के भोला टॉकीज गुमती संख्या 53A से कुछ दूरी पर रेलवे ट्रैक क्रैक हो गया था. इस बीच न्यू कॉलोनी वार्ड संख्या 27 निवासी मो शकील का पुत्र शहबाज अपने पिता को नाश्ता देकर रेलवे ट्रैक की ओर से घर लौट रहा था. तभी उसकी नजर क्रैक रेलवे ट्रैक पर पड़ी.
बच्चे ने सूझबूझ का परिचय देते हुए समस्तीपुर से मुजफ्फरपुर की ओर जा रही 13019 काठगोदाम एक्सप्रेस को लाल रंग का गमछा दिखा कर रोकने का इशारा किया. ऐसा करने में शहबाज को भी चोटें आई लेकिन वह ट्रेन को रोकने में कामयाब रहा. इस बीच टूटी हुई पटरी से ट्रेन का इंजन गुजर गया था. ट्रेन के ड्राइवर ने लाल गमछा दिखाने की वजह पूछी तो उसने पटरी के टूटे होने की बात बताई. इसके बाद काठगोदाम एक्सप्रेस के ड्राइवर ने तुरंत इसकी जानकारी कंट्रोल की दी. फिर समस्तीपुर रेलमंडल के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के कर्मियों ने पहुंचकर रेलवे ट्रैक को ठीक कर 45 मिनट के बाद इसे रवाना किया.
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इस घटना के बाद शहबाज के बारे में कोई कोई बात कर रहा है और उसकी चर्चा चारों ओर है. लोग उसके पास पहुंच कर उसका सम्मान कर रहे हैं और तारीफ कर रहे हैं. समाजसेवी रंजीत निर्गुणी ने शहबाज को कलम किताब पेन चॉकलेट और पाग चादर पहनाकर सम्मानित करने का काम किया. अब रेलवे भी शहबाज की इस बहादुरी को देख कर सम्मानित करने का निर्णय लिया है. समस्तीपुर रेलमंडल के डीआरएम विनय श्रीवास्तव ने बताया कि बाघ एक्सप्रेस समस्तीपुर से कर्पूरी ग्राम की ओर 25 से 30 किलोमीटर के स्पीड से जा रही थी.
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उस समय रेलवे ट्रैक में एक वर्टिकल क्रैक मिला था.इसकी जांच करवा रहे है. आधे घंटे में ट्रैक को ठीक कर दिया उसके बाद सारे गाड़ियों का परिचालन शुरू कर दिया गया उन्होंने बताया कि एक बच्चे ने लाल रंग का कपड़ा दिखा कर गाड़ी को रुकवाया था. डीआरएम ने बताया कि बच्चे ने बहुत अच्छा काम किया है. हम चाहते है कि ऐसा ही जागरूकता हर युवा बच्चों में आए. देश की सुरक्षा में सभी लोग योगदान दें. इस वजह से ही बुधवार को शाहबाज को बुला कर एक प्रशस्ति पत्र के साथ पढ़ाई का सामान देकर उसे सम्मानित करने का फैसला किया गया है.
(समस्तीपुर से जहांगीर आलम की रिपोर्ट)
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