संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज करेगा. संगठन ने 10 से 20 जनवरी 2024 तक जन जागरण अभियान चलाने का फैसला किया है. गणतंत्र दिवस पर एसकेएम ने 500 जिलों में ट्रैक्टर परेड निकालने का फैसला भी किया है. संयुक्त किसान मोर्चा की अखिल भारतीय आम सभा की बैठक मेंये निर्णय लिए गए हैं. वर्ष 2024 में किसानों और खेत मजदूरों की प्रमुख मांगों, सभी फसलों की खरीद के लिए सी2+50% की दर से एमएसपी की कानूनी गारंटी, ऋण माफी के जरिए किसानों को कर्ज मुक्ति और बिजली के निजीकरण को रोकने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करेगा.
मोर्चा ने कहा है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी, जो कि किसानों के लखीमपुर खीरी नरसंहार के मुख्य साजिशकर्ता हैं, को बर्खास्त करने और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग भी इस दौरान की जाएगी. आंदोलन की कड़ी में 10 जनवरी से 20 जनवरी तक 20 राज्यों में एसकेएम की राज्य इकाइयां घर-घर जाकर और पर्चा वितरित करके बड़े पैमाने पर जन जागरण अभियान चलाएंगी.
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मोर्चा ने प्रेस को जारी एक बयान में कहा कि इस जन अभियान का उद्देश्य भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार की कॉर्पोरेट समर्थक आर्थिक नीतियों को उजागर करना है, जो किसानों, श्रमिकों और आम जनता के हितों के खिलाफ हैं. जिससे बड़े पैमाने पर बेरोजगारी, अनियंत्रित महंगाई, गरीबी, ऋणग्रस्तता और बेलगाम ग्रामीण समस्याएं पैदा हो रही हैं. यह अभियान जीडीपी दर पर निर्भर कॉरपोरेट राज आधारित विकास और भारत के तीन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की मोदी सरकार की कहानी के खिलाफ है. जो प्रति व्यक्ति आय में गिरावट, बढ़ती आर्थिक असमानता और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य और श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी से इनकार को छुपाती है.
किसान और मजदूर कार्यकर्ता घरों में जाकर पर्चे बांटेंगे और आरएसएस-भाजपा शासन के संरक्षण में कॉर्पोरेट शोषण के खिलाफ आगामी संयुक्त और समन्वित संघर्ष कार्यों में लोगों की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करेंगे. मोर्चा ने कहा कि 30.40 करोड़ घरों में से कम से कम 40 फीसदी को कवर करने के लक्ष्य के लिए अभियान की तैयारी है. इस बारे में राज्य स्तरीय समन्वय समितियां तुरंत बैठक करेंगी. एसकेएम 26 जनवरी 2024 के गणतंत्र दिवस पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जिला स्तर पर ट्रैक्टर परेड आयोजित करेगा. उम्मीद है कि परेड कम से कम 500 जिलों में आयोजित की जाएगी.
एसकेएम ने किसानों से बड़ी संख्या में गणतंत्र दिवस पर आयोजित होने वाली ट्रैक्टर परेड में शामिल होने की अपील की है. औपचारिक परेड के समापन के बाद ट्रैक्टर परेड आयोजित की जाएगी. ट्रैक्टर परेड में भाग लेने वाले किसान राष्ट्रीय ध्वज के साथ-साथ घटक संगठनों के झंडे भी लहराएंगे. किसान भारत के संविधान में निहित लोकतंत्र, संघवाद, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के सिद्धांतों की रक्षा करने का संकल्प लेंगे. ट्रैक्टर के साथ-साथ अन्य वाहन और मोटर बाइक भी परेड में शामिल होंगे. केंद्र सरकार द्वारा सभी मांगें पूरी होने तक संघर्ष तेज किया जाएगा.
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