एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कुछ किसानों के साथ बुधवार को संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने किसानों से जुड़े मुद्दो पर चर्चा की. इस दौरान पवार के साथ सतारा और फल्तान के दो किसान थे. पवार ने कहा कि पीएम मोदी से उनकी मुलाकात किसानों के अनार मुद्दे से जुड़ी हुई थी. उन्होंने पीएम मोदी से किसी तरह की राजनीतिक चर्चा नहीं की. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी को अनार भी भेंट किए.
पवार ने पश्चिमी महाराष्ट्र के फलटन के दो किसानों के साथ संसद में प्रधानमंत्री से उनके कार्यालय में मुलाकात की और उन्हें अपने खेत से अनार का एक डिब्बा भेंट किया. हाल ही में पवार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उन्हें फरवरी में राष्ट्रीय राजधानी के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित होने वाले 98वें मराठी साहित्य सम्मेलन का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया था.
प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद पवार ने कहा, "मैंने साहित्य सम्मेलन के विषय पर बात नहीं की." पिछले महीने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-एनसीपी (एसपी)-शिवसेना (यूबीटी) गठबंधन - एमवीए - को बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी के महायुति गठबंधन के हाथों अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा. महायुति ने 235 सीटें जीतीं, जबकि एमवीए 288 सदस्यीय विधानसभा में 46 सीटों पर सिमट गई.
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शरद पवार और पीएम मोदी की ये मुलाकात ऐसे वक्त हुई है जब किसान एक बार फिर सड़कों पर हैं. एमएसपी की लीगल गारंटी समेत कई मांगों को लेकर किसान फिर प्रदर्शन कर रहे हैं. बता दें कि पिछले साल महाराष्ट्र के पुणे में पीएम मोदी और शरद पवार की मुलाकात हुई थी. तब एक कार्यक्रम में पीएम मोदी और शरद पवार ने मंच साझा किया था. उस कार्यक्रम में पीएम मोदी को सम्मानित किया गया था. इस मुलाकात पर सियासत भी काफी हुई थी. एनसीपी में दोफाड़ के बाद मोदी और पवार की ये पहली मुलाकात थी.
उधर विपक्षी सदस्यों ने बुधवार को लगातार तीसरे दिन विधान भवन की सीढ़ियों पर किसानों के मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया. उन्होंने सरकार पर किसानों के प्रति उदासीनता और उन्हें फसल उत्पादन के लिए पर्याप्त मूल्य नहीं देने का आरोप लगाया. बता दें कि महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र सोमवार को नागपुर में शुरू हुआ है.
बुधवार को विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, उनके शिवसेना (यूबीटी) के सहयोगी सुनील प्रभु और भास्कर जाधव, कांग्रेस नेता नाना पटोले नितिन राउत, भाई जगताप और अन्य महा विकास अघाड़ी (एमवीए) विधायकों ने विधान भवन की सीढ़ियों पर प्रदर्शन किया. उन्होंने नारे लगाए और आरोप लगाया कि सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं कर रही है और सोयाबीन और कपास की फसलों के लिए किसानों को पर्याप्त मूल्य नहीं दे रही है.
मीडिया से बात करते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता दानवे ने मांग की कि धान किसानों को बोनस दिया जाए. उन्होंने दावा किया कि कपास और सोयाबीन किसानों को उनकी उपज का पर्याप्त मूल्य नहीं मिल रहा है.पिछले दो दिनों में, एमवीए सदस्यों ने किसानों की समस्याओं, पिछले सप्ताह परभणी में हुई हिंसा और बीड जिले में एक सरपंच की हत्या सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर राज्य में भाजपा नीत महायुति सरकार पर निशाना साधा.
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