उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों के बाद समाजवादी पार्टी (एसपी) और कांग्रेस जोश में हैं. दोनों पार्टियां अब एक बार फिर उपचुनाव में दमखम आजमाने को तैयार हैं. जल्द ही राज्य में 10 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं और इन चुनावों पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. लेकिन अगर रिपोर्ट्स पर यकीन करें तो इस बार सपा और कांग्रेस के रास्ते आसान नहीं हैं. ऐसी खबरें हैं कि उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी कम से कम तीन विधानसभा सीटों पर अपना दावा ठोकने वाली है. अगर यह सच है तो फिर इंडिया गठबंधन के इन दोनों दलों में सीटों पर बंटवारे पर बातचीत काफी मुश्किल हो सकतर है. माना जा रहा है कि सपा, कांग्रेस को दो से ज्यादा सीटें देने के मूड में नहीं है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में यूपी कांग्रेस चीफ अजय राय के नेतृत्व में हुई मीटिंग में उपचुनावों से पहले माहौल के बारे में जानने की कोशिश की गई है. उनसे पूछा गया है कि जिन सीटों पर उपचुनाव होना है, वहां कांग्रेस को लेकर क्या माहौल है. यूपी की ज्यादातर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव विधायकों द्वारा लोकसभा चुनाव जीतने पर इस्तीफा देने के कारण हो रहा है.
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रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि मीटिंग में यह तय हुआ कि आने वाले दिनों में सपा से सीटों के बंटवारे पर होने वाली चर्चा होगी. साथ ही फैसला किया गया है कि कांग्रेस करहल, सीसामऊ, कटेहरी, कुंदरकी और मिल्कीपुर सीट पर दावा नहीं ठोकेगी. इन सीटों पर पिछले विधानसभा चुनाव में सपा के विधायक जीते थे. बची हुई पांच सीटों में से कांग्रेस पार्टी कम से कम दो-तिहाई सीटों पर अपना अधिकार मांग सकती है.
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कांग्रेस ने साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव इन 10 सीटों में से एक भी सीट नहीं जीती थी. उन चुनावों में बीजेपी ने 255, सपा ने 111 और कांग्रेस ने दो सीटें जीती थीं. जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें सपा ने पांच, बीजेपी ने तीन, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) और निषाद पार्टी एक-एक सीट जीती थी. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि कांग्रेस पार्टी मीरापुर, मंझवा और फूलपुर विधानसभा सीटों पर दावा ठोंक सकती है.
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मीरापुर सीट पर साल 2022 में रालोद के चंदन चौहान ने जीत दर्ज की थी. चंदन चौहान ने बिजनौर से लोकसभा का चुनाव जीता है. वहीं मंझवा विधानसभा सीट पर बीजेपी के साथी दल निषाद पार्टी के विनोद कुमार बिंद ने 2022 में जीत हासिल की थी. इसी तरह फूलपुर विधानसभा सीट पर सपा ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस को उम्मीद है कि अगर वह सपा के समर्थन से इन तीनों सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो उसकी जीत के चांस काफी ज्यादा है.
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रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सपा इन तीन सीटों में से एक भी कांग्रेस को देने के मूड में नहीं है. अखबार ने सपा के एक नेता के हवाले से लिखा है कि पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने पिछले दिनों मीरापुर विधानसभा सीट से कुछ संभावित उम्मीदवारों से मुलाकात की थी. एक और नेता ने बताया कि फूलपुर भी कांग्रेस को मिलने के कम ही चांस हैं क्योंकि यहां सपा के पास मुजतबा सिद्दीकी के रूप में एक मजबूत प्रत्याशी हैं.
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रिपोर्ट के अनुसार, सपा कांग्रेस पार्टी को गाजियाबाद और खैर विधानसभा सीटें देना चाहती है. गाजियाबाद विधानसभा सीट पर बीजेपी के अतुल गर्ग ने 2022 में एक लाख वोटों से भी ज्यादा अंतर से जीत दर्ज की थी. यहां सपा के उम्मीदवार विशाल कुमार को करीब 44 हजार वोट मिले थे और वो दूसरे नंबर पर रहे थे. कांग्रेस यहां सिर्फ 12 हजार वोट हासिल कर सकी थी और चौथे स्थान पर रही थी.
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