पंजाब में जारी धान खरीदी की समस्या को सुलझाने के लिए मोदी सरकार अब एक्टिव हो गई है. केंद्र में रेल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा है कि केंद्र जल्द ही पंजाब के किसानों को मौजूदा धान खरीद में हो रही देरी को खत्म करेगी. इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री ने पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार को भी जमकर घेरा. बिट्टू ने एक अंग्रेजी अखबार 'द ट्रिब्यून' से बातचीत में कहा कि धान खरीदी के इस संकट के पीछे सीएम भगवंत मान और खाद्य मंत्री लाल चंद कटारूचक्क सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं.
केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने आगे बताया कि रेलवे ने बीते 20 दिनों में पंजाब में स्टोर खाद्यान्न की 212 माल गाड़ियों पहले ही रवाना कर दी हैं. उन्होंने बताया कि 1 से 20 अक्टूबर के बीच 140 ट्रेनों में गेहूं और 72 ट्रेनों में एफसीआई पंजाब क्षेत्र से चावल ले जाया गया है. अंग्रेजी अखबार 'द ट्रिब्यून' से बात करते हुए रेल राज्य मंत्री बिट्टू ने कहा, "हर एक ट्रेन में 50-50 किलो के 60,000 बोरे हैं, यानी कि कुल 30,000 क्विंटल खाद्यान्न. इस महीने अब तक पंजाब से 6.36 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न भेजा जा चुका है."
रवनीत सिंह बिट्टू ने इस दौरान पंजाब की भगवंत मान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार धान खरीदी पूरी तरह विफल रही. उन्होंने इस बात पर जोर देकर कहा कि राज्य के 'कुप्रबंधन' के कारण किसानों को मंडियों में अपनी उपज बेचने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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वहीं दूसरी ओर धान खरीदी की समस्या आम आदमी पार्टी को राज्य के आगामी उपचुनाव में भारी नुकसान पहुंचा सकता है. इस मुद्दे को लेकर अब विरोधी दल की पार्टियां भी मान सरकार पर हमलावर हैं. बता दें कि पंजाब की चार सीटों - डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल, गिद्दड़बाहा और बरनाला - पर 13 नवंबर को उपचुनाव होना है. गौर करने वाली बात है कि इन विधानसभा सीटों पर बड़े पैमाने पर ग्रामीण मतदाता हैं, जो चुनाव में निर्णायक साबित हो सकते हैं. यही वजह है कि धान की धीमी खरीद को लेकर आप आदमी पार्टी ने राज्य के शीर्ष नेताओं से इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने के लिए कहा है.
पंजाब में विपक्षी दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने इस संकट को लेकर मोदी और मान सरकार, दोनों को घेरा. बाजवा ने कहा, "भाजपा नीत एनडीए सरकार और आप सरकार इस अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार हैं. केंद्र ने जानबूझकर इस पर ध्यान नहीं दिया. मुख्यमंत्री ने भी समय रहते इस मामले को केंद्र के समक्ष उठाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया." राजनीतिक जानकारों की मानें तो यह मुद्दा कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (SAD) को चुनाव में फायदा पहुंचा सकता है. धान खरीदी में देरी को विरोधी दल, भगवंत मान सरकार की राजनीतिक और प्रशासनिक विफलता करार दे रहे हैं. राजनीतिक पंडित मान रहे है कि इस मुद्दे का भाजपा उम्मीदवारों को भी फायदा मिलेगा.
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