किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 26 नवंबर से आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. आज उनकी भूख हड़ताल का 31वां दिन चल रहा है. बीते दिन यानी बुधवार को पंजाब की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के एक प्रतिनिधमंडल ने डल्लेवाल से मुलाकात की और उनकी मांगों का समर्थन किया. आप नेताओं ने डल्लेवाल से कहा कि उनका स्वस्थ रहना बेहद महत्वपूर्ण है और उनसे चिकित्सा उपचार लेने का आग्रह किया. आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल में पंजाब के मंत्री और आप की राज्य इकाई के अध्यक्ष अमन अरोड़ा, मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां, बलबीर सिंह, बरिंदर कुमार गोयल, हरदीप सिंह मुंडियां, तरुणप्रीत सिंह सोंड, लालजीत सिंह भुल्लर और पार्टी की राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष अमनशेर सिंह शेरी कलसी समेत अन्य ने डल्लेवाल से मुलाकात कर उनकी सेहत की जानकारी ली.
आप नेता अमन अरोड़ा ने कहा कि हमने जगजीत सिंह डल्लेवाल से अनुरोध किया है कि अगर वह अपनी भूख हड़ताल छोड़ देते हैं तो यह अच्छा होगा. उन्होंने कहा कि अगर किसान नेता अपनी भूख हड़ताल जारी रखना चाहते हैं तो कम से कम उन्हें चिकित्सा उपचार से इनकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनके आंतरिक अंग भी प्रभावित हो रहे हैं. हम इस उम्मीद के साथ आए हैं कि दल्लेवाल हमारा अनुरोध स्वीकार करेंगे.
डल्लेवाल से मुलाकात के बाद आप नेता अमन अरोड़ा ने कहा कि केंद्र की गलत नीतियों के कारण, किसानों को अब निरस्त किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर एक साल तक आंदोलन करना पड़ा और अब पिछले दस महीनों से किसान अपनी मांगों को लेकर शंभू और खनौरी सीमाओं पर फिर से आंदोलन कर रहे हैं.
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उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को निरस्त करते समय किसानों से किए गए अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है. अरोड़ा ने कहा कि डल्लेवाल के अनशन को एक महीना हो गया है। उनका आंदोलन वास्तविक मांगों के लिए है और वे पंजाब के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन हम केंद्र के उदासीन रवैये को जानते हैं.
अरोड़ा ने कहा कि हमने किसान नेता डल्लेवाल साहब से कहा है कि आप सरकार और हमारी पार्टी और पूरा पंजाब उनके आंदोलन में उनके साथ है, लेकिन आंदोलन को सफल बनाने के लिए उनका स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है. अरोड़ा ने कहा कि समय-समय पर आप के सांसद सहयोगी दलों के साथ संसद में किसानों का मुद्दा उठाते रहे हैं, लेकिन केंद्र सुनने को तैयार नहीं है.
उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में आम आदमी पार्टी (आप) के एक प्रतिनिधिमंडल ने पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया के समक्ष दल्लेवाल के स्वास्थ्य का मुद्दा उठाया और उनसे हस्तक्षेप करने और केंद्र पर आंदोलनकारी किसानों से बातचीत शुरू करने का दबाव बनाने का आग्रह किया था. (पीटीआई)
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