न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि MSP की कानूनी गारंटी के लिए कई महीनों से सड़कों पर किसानों का आंदोलन चल रहा है. इसी में खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल भी डेड़ महीने से अधिक समय से आमरण अनशन पर बैठे हैं. उनकी मांग भी एमएसपी को कानूनी गारंटी दिलाने की है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है. इसी क्रम में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल की गई जिसमें एमएसपी को वैधानिक गारंटी दिलाने की मांग की गई है.
इस पीआईएल की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल सहित कई किसान नेताओं ने अनशन खत्म करने और सरकार की बनाई कमेटी से बातचीत करने का फैसला किया है. इसलिए उन्हें आपस में बात करने दें. पीआईएल पर सवाल पूछते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप क्यों चाहते हैं कि बातचीत के बीच ही सुप्रीम कोर्ट कोई आदेश पारित करे?
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में डल्लेवाल को मेडिकल सुविधा दिलाने के लिए कई बार सुनवाई हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बीच-बचाव के लिए एक कमेटी भी बनाई है जो किसान नेता डल्लेवाल से बातचीत कर रही है. इस बीच सरकार ने किसानों की मांग को लेकर 14 फरवरी को डल्लेवाल के साथ बातचीत की घोषणा की है. उस दिन सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच बैठक होने वाली है. हालांकि किसान नेता डल्लेवाल ने कहा है कि उनकी तबीयत इस मीटिंग में शामिल होने की इजाजत नहीं देती, इसलिए वे बैठक में नहीं जाएंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने एक प्रेस रिलीज में बुधवार को कहा कि 65वें दिन जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन दातासिंहवाला-खनौरी किसान मोर्चे पर जारी रहा. 11 फरवरी को रत्नपुरा मोर्चे पर होने वाली महापंचायत की रूपरेखा तैयार करने के लिए पूरी कमेटी की बैठक हुई और तय किया गया कि 11 फरवरी को रत्नपुरा मोर्चे पर हर गांव से किसान बड़ी संख्या में पहुंचकर महापंचायत को सफल बनाएंगे.
बुधवार को ही चंडीगढ़ से केंद्र सरकार के अधिकारी जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए किसान मोर्चे पर पहुंचे और उनसे निवेदन भी किया कि 14 फरवरी तक वे स्वास्थ्य लाभ लेकर केंद्र सरकार के साथ होने वाली मीटिंग में जरूर शामिल हों. गुरुवार सुबह 10.30 बजे दातासिंहवाला-खनौरी किसान मोर्चे पर अखंड पाठ साहिब जी के भोग पड़ेंगे और मोर्चे की मजबूती के लिए अरदास की जाएगी जिसमें किसानों से बड़ी संख्या में पहुंचने की अपील की गई है.(अनीशा माथुर का इनपुट)
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