संसद में बजट पर चर्चा के दौरान बठिंडा से शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने सरकार पर बड़ा निशाना साधा. हरसिमरत कौर ने कहा कि सरकार ने गवर्नेंस के चार पिलर बताए थे-गरीब, युवा, महिला और किसान. लेकिन आजतक कितने किसान खुदकुशी कर चुके हैं, धरने पर बैठे हैं. ये सरकार कहती थी कि हम 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर देंगे. सरकार ये बताए कि 2022-23 में कृषि विकास दर 4.7 थी तो पिछले साल यह दर 1.7 क्यों रही थी. कौर ने कहा कि हकीकत ये है कि सरकार किसानों की दुश्मन है, किसानों की हिमायती नहीं है.
बजट चर्चा में कौर ने कहा, आज हर तरफ महंगाई की मार देखी जा रही है. 6-8 साल पहले 40 किलो बीज के पैकेट की कीमत 800-1200 रुपये होती थी जो अब बढ़कर 2000 रुपये हो गई है. डीएपी की कीमत तीन गुना बढ़ गई है. पोटाश 900 रुपये से 1700 रुपये हो गया है. लेबर का खर्चा तीन गुना बढ़ गया है. हार्वेस्टिंग का खर्च तीन गुना हो गया है. डीजल 47 से 90 रुपये लीटर हो गया.
कौर ने कहा कि सरकार को जहां खेती का बजट बढ़ाना था उसमें कटौती कर दी. फसल बीमा में -2.6 परसेंट की कटौती कर दी. डीजल सब्सिडी में कटौती कर दी. यूरिया सब्सिडी में -7.4 परसेंट की कटौती की. माइक्रो न्यूट्रियंट की सब्सिडी में -25 परसेंट की कटौती की. गरीब कल्याण योजना का बजट 3.3 परसेंट घटा दिया. किसान सम्मान निधि का बजट 10 परसेंट घटा दिया. पंजाब में पीएम किसान और पीएम आवास योजना के लाभार्थियों की संख्या घटती जा रही है.
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कौर ने सरकार से पूछा कि जो किसान अन्नदाता है, करोड़ों लोगों का पेट भरते हैं, उनके साथ दुश्मनी क्यों दिखा रहे हैं. मैं सरकार से विनती करती हूं कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के मुताबिक किसानों के लिए फसलों की एमएसपी गारंटी को लागू करें. जब तक एमएसपी की गारंटी नहीं दे रहे, तब तक भावांतर स्कीम लाइए. जिसकी फसल एमएसपी पर नहीं बिक रही है, उसे भावांतर के तहत फसल का पैसा दिया जाए. ऐसी फसल बीमा की स्कीम ले आएं जिससे किसानों को फायदा हो न कि बीमा कंपनियों को.
संसद में ही राजस्थान के नागौर से आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि किसानों को एमएसपी गारंटी मिलनी चाहिए. राजस्थान के किसानों पर 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है. इसलिए प्रधानमंत्री से अनुरोध है कि किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए राजस्थान सहित देश के सभी किसानों का कर्ज माफ किया जाए. बेनीवाल ने कहा कि ट्रैक्टर की खरीद पर जीएसटी को माफ किया जाए. अगर 15 लाख करोड़ रुपये का कर्ज धन्नासेठों का माफ हुआ है तो किसानों का भी 15 लाख करोड़ का कर्ज माफ होना चाहिए.
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