दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया जाएगा. इसको लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार ने अधिकारिक रूप से घोषणा कर दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि मुझे इस बात की बहुत प्रसन्नता हो रही है कि भारत सरकार ने सामाजिक न्याय के पुरोधा महान जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है. उनकी जन्म-शताब्दी के अवसर पर यह निर्णय देशवासियों को गौरवान्वित करने वाला है. पिछड़ों और वंचितों के उत्थान के लिए कर्पूरी जी की अटूट प्रतिबद्धता और दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी है. यह भारत रत्न न केवल उनके अतुलनीय योगदान का विनम्र सम्मान है, बल्कि इससे समाज में समरसता को और बढ़ावा मिलेगा.
वहीं केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि ठाकुर की 100वीं जयंती पर दिया जाने वाला ये सर्वोच्च सम्मान दलितों, वंचितों और उपेक्षित तबकों के बीच सकारात्मक भाव पैदा करेगा.
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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर का जन्म ब्रिटिश शासन के दौरान समस्तीपुर के एक गांव पितौझिया में हुआ था जिसे अब कर्पूरीग्राम भी कहा जाता है. आज 24 जनवरी को ठाकुर की 100वीं जयंती है. इसके ठीक एक दिन पहले 23 जनवरी को केंद्र सरकार ने उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा की है. जहां उनकी 100वीं जयंती को लेकर बिहार की राजधानी पटना सहित सभी जिलों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है, वहीं उन्हें भारत रत्न मिलने की घोषणा के बाद बिहार के लोग काफी खुश हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया के जरिये पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. उन्होंने लिखा कि जेडीयू की वर्षों पुरानी मांग अब जाकर पूरी हुई है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बीजेपी भी उन्हें भारत रत्न देने की मांग कर रही थी. आज मोदी सरकार ने इस मांग को पूरा कर दिया. यह सभी बिहारियों के लिए गर्व की बात है. वहीं बिहार के मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने इससे पहले वर्ष 2007, 2017, 2018, 2019 और 2021 में भी कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से विभूषित करने की अनुशंसा केंद्र को की थी.
मिथिलांचल के प्रवेश द्वार समस्तीपुर जिले के रहने वाले कर्पूरी ठाकुर ने अपने जीवन में कई उपलब्धियां हासिल कीं. उनकी पहचान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक और राजनीतिज्ञ के रूप में की जाती थी. उनकी सादगी और ईमानदारी के कई किस्से मशहूर हैं. समाज के गरीब, दबे-पिछड़ों और दलितों के उत्थान के मुद्दे वो हमेशा उठाते थे. काफी लोकप्रियता होने की वजह से उन्हें जननायक कहा जाने लगा. वो पहली बार 1970 में राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. उन्होंने मात्र ढाई साल के दौरान गरीब दबे-पिछड़ों के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए. इसके साथ ही राज्य में मैट्रिक तक मुफ्त शिक्षा देने की घोषणा की.
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