Farmers Protest: राहुल गांधी और अख‍िलेश यादव को अपना मंच नहीं देंगे क‍िसान, क्या है रणनीत‍ि? 

Farmers Protest: राहुल गांधी और अख‍िलेश यादव को अपना मंच नहीं देंगे क‍िसान, क्या है रणनीत‍ि? 

व‍िधानसभा चुनाव से पहले हर‍ियाणा में बीजेपी की बेचैनी बढ़ाने वाली रणनीत‍ि पर काम कर रहा है संयुक्त क‍िसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक). हरियाणा में घर-घर जाकर दोनों मोर्चों के पदाधिकारी किसानों व मजदूरों को जागरूक करेंगे. जबक‍ि 15 स‍ितंबर को राज्य में ही किसान महापंचायत आयोज‍ित जाएगी. 

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Farmers Protest: राहुल गांधी और अख‍िलेश यादव को अपना मंच नहीं देंगे क‍िसान, क्या है रणनीत‍ि? लोकसभा में क‍िसानों से जुड़े मुद्दे उठाएंगे राहुल गांधी.

एमएसपी की लीगल गारंटी सह‍ित 12 मांगों को लेकर लगभग पांच महीने से चल रहे क‍िसान आंदोलन के ल‍िए अगले सात-आठ द‍िन बेहद महत्वपूर्ण साबित होने वाले हैं. खासतौर पर 22 जुलाई का द‍िन. इस आंदोलन को चला रहे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) एवं किसान मजदूर मोर्चा का इसी द‍िन नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में साझा सम्मेलन होगा. शंभू बॉर्डर खोलने के मुद्दे पर इसी द‍िन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी और इसी द‍िन राहुल गांधी से क‍िसानों की मुलाकात प्रस्ताव‍ित है. हालांक‍ि, अभी तक राहुल गांधी का कन्फर्मेशन नहीं आया है क‍ि वो क‍िसानों से म‍िलेंगे या नहीं. लेक‍िन क‍िसानों ने एक बात साफ कर दी है क‍ि वो अपने मंच पर राहुल गांधी और अख‍िलेश यादव को नहीं आने देंगे, बल्क‍ि क‍िसानों के मुद्दों को लेकर म‍िलने उनके घर जाएंगे. 

एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के नेता अभ‍िमन्यु कोहाड़ ने कहा क‍ि आंदोलन क‍िसानों के मुद्दे पर हो रहा है. यह राजनीत‍िक मसला नहीं है. इसल‍िए हम लोग अपने मंच पर क‍िसी भी पार्टी के नेता को नहीं बुलाएंगे. क्योंक‍ि ऐसा हुआ तो यह राजनीत‍िक मंच बन जाएगा, ज‍िससे बीजेपी को क‍िसान आंदोलन पर आरोप लगाने का मौका म‍िलेगा. इसल‍िए हमारा स्टैंड साफ है. हम बस क‍िसानों की बात कर रहे हैं. कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में होने वाले क‍िसान सम्मेलन में राहुल गांधी और अख‍िलेश यादव नहीं आएंगे. इस सम्मेलन में क‍िसान नेता ही रहेंगे. अगर राहुल गांधी और अख‍िलेश यादव वक्त देते हैं तो क‍िसान नेता उनके घरों पर म‍िलने जाएंगे और लोकसभा में देश के क‍िसानों से जुड़े मुद्दों को उठाने की अपील करेंगे. 

बीजेपी की बेचैनी बढ़ाएगी यह रणनीत‍ि 

दोनों मोर्चों ने राहुल गांधी, अखिलेश यादव समेत विपक्ष के तमाम नेताओं से मुलाकात के लिए पत्र लिखा है और उन से मुलाकात कर के संसद के आगामी सत्र में एमएसपी गारंटी कानून समेत किसानों की तमाम मांगों पर प्राइवेट बिल लाने की मांग की जाएगी. आने वाले दिनों में हरियाणा में घर-घर जाकर दोनों मोर्चों के पदाधिकारी किसानों व मजदूरों को जागरूक करेंगे. जबक‍ि 15 स‍ितंबर को हरियाणा में राष्ट्रीय स्तर की किसान महापंचायत आयोज‍ित जाएगी. 

हर‍ियाणा में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में व‍िधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में क‍िसानों की रणनीत‍ि बीजेपी को बेचैन करने के ल‍िए काफी है. लोकसभा चुनाव के दौरान गांव-गांव में घूमकर ही क‍िसान नेताओं ने सरकार के ख‍िलाफ माहौल बना द‍िया था. ज‍िसका नतीजा यह है क‍ि बीजेपी को 10 में से पांच लोकसभा सीटें गंवानी पड़ीं. 

व्यापारी भी करें आंदोलन 

कोहाड़ ने कहा क‍ि हाइकोर्ट के आदेश के अनुसार जब भी हरियाणा की भाजपा सरकार बैरिकेड हटाएगी, उसके बाद किसान दिल्ली कूच करेंगे. उसके लिए गांव-गांव में बड़ी तैयारी की जा रही है. हाइकोर्ट के फैसले के बाद साफ हो गया है कि रास्ता किसानों ने नहीं बल्कि भाजपा सरकार ने रोका है. हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद अब भी हरियाणा सरकार द्वारा रास्ता न खोले जाने और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने से यह साफ हो गया है क‍ि हर‍ियाणा सरकार की मंशा क्या है. ऐसे में व्यापारियों को भी भाजपा के खिलाफ आंदोलन करना चाहिए. 

स्वतंत्र जांच का क‍िया था व‍िरोध 

क‍िसान नेता कोहाड़ ने कहा क‍ि शुभकरण सिंह की हत्या की जांच हरियाणा के पुलिस अधिकारियों को सौंपना उचित नहीं है,क्योंकि हरियाणा पुलिस के अधिकारियों पर ही आरोप हैं. यदि आरोपी ही जांच करेंगे तो न्याय मिलने की उम्मीद न के बराबर होगी. हरियाणा की भाजपा सरकार पहले ही सुप्रीम कोर्ट में जाकर शुभकरण सिंह की हत्या की स्वतंत्र जांच का विरोध कर चुकी है, जिससे उनकी मंशा उजागर हो गई थी. इसलिए जांच के मुद्दे पर हरियाणा पुलिस पर विश्वास नहीं किया जा सकता.   


 

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