हरियाणा के गोहाना में कुछ किसान एक ऑयल पाइपलाइन का विरोध कर रहे हैं. गोहाना के कोहला गांव के किसानों ने गुजरात के न्यू मुंद्रा से पानीपत में आईओसीएल रिफाइनरी तक तेल पाइपलाइन बिछाने का विरोध किया है और बुधवार को उस साइट को बंद भी कर दिया. पुलिस ने अलग-अलग किसान संगठनों के नेताओं सहित 42 किसानों को हिरासत में लिया और कड़ी सुरक्षा के बीच प्रोजेक्ट को फिर से शुरू किया. किसान तीन महीने से पाइपलाइन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, उनके खेतों से होकर गुजरने पर आपत्ति जता रहे हैं और बाजार रेट पर मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
मंगलवार को प्रशासन ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में काम शुरू किया. इस क्रम में 24 किसानों को कुछ देर के लिए हिरासत में लिया लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया. बुधवार को कोहला में किसान पंचायत के लिए जुटे जिसमें अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष मास्टर बलबीर, बीकेयू के युवा अध्यक्ष रवि आजाद और किसान-कामगार अधिकार मोर्चा के संयोजक सतेंद्र लोहचब शामिल हुए.
किसान नेता मास्टर बलबीर ने कहा, "राज्य सरकार और प्रशासन किसानों की मांगों को अनदेखा कर रहा है और उन पर यह प्रोजेक्ट थोप रहा है." उन्होंने बताया कि आगे की कार्रवाई तय करने के लिए गुरुवार को कोहला में पंचायत की जाएगी.
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बुधवार को पंचायत के बाद किसान खेतों में चले गए और पोकलेन मशीन पर चढ़कर काम रुकवा दिया. पुलिस ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में महिलाओं समेत 42 किसानों को हिरासत में लेकर बड़ौदा थाने में ले गई. अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव सुमित दलाल, प्रदेश उपाध्यक्ष श्रद्धानंद सोलंकी और सीआईटीयू नेता आनंद शर्मा ने हिरासत में लिए गए किसानों की तत्काल रिहाई की मांग की. किसानों का संगठन गुरुवार को आगे की रणनीति पर काम करेगा और विरोध प्रदर्शन के बारे में अपनी योजना बताएगा.
आईओसी के कर्मचारी पुलिस टीम के साथ कोहला गांव में पाइपलाइन का काम करवा रहे थे. इसी बीच किसानों ने वहां पहुंच कर काम को रुकवा दिया. किसान और अधिकारियों में काफी विवाद हुआ. इसके बाद अधिकारियों ने किसानों पर दबाव बनाने का प्रयास किया, लेकिन अपनी मांग पर अड़े रहे. कुछ किसानों के विरोध पर पुलिस ने सैकड़ों महिला पुरुषों को हिरासत में ले लिया. उन्हें बस में बिठाकर ले जाया गया. यहां किसानों ने बातचीत के लिए 3 दिन का समय मांगा था, लेकिन बाद में बातचीत से भी कोई हल नहीं निकला. भारतीय किसान कामगार अधिकार मोर्चा के अध्यक्ष सितेंद्र लोहचब, भारतीय किसान संघ के युवा प्रदेश अध्यक्ष रवि आजाद ने कहा कि सरकार किसानों की जायज मांग को बिना पूरा किए दबाव में काम करना चाहती है. किसान आंदोलन पर आगे निर्णय लिया जाएगा.
किसान यहां मार्केट रेट पर जमीन के मुआवजे की मांग कर रहे हैं. यह पूरा विरोध प्रदर्शन मुआवजा को लेकर है. किसानों की शिकायत है कि उन्हें कम रेट पर पैसे मिले हैं, लेकिन मार्केट रेट अधिक है. यही वजह है कि अधिग्रहण की गई जमीन पर जब पाइपलाइन बिछाने की बारी आई तो किसानों ने इसका विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. यहां तक कि किसान पोकलेन मशीन लेकर पाइपलाइन की साइट पर लेकर चले गए. बाद में पुलिस को इसमें कार्रवाई करनी पड़ी.
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