किसान मजदूर संघर्ष समिति (KMCC) ने शनिवार को पंजाब पुलिस के शंभू और खनौरी बॉर्डर से किसानों को जबरन हटाए जाने के एक्शन के खिलाफ पंजाब के गांवों में AAP सरकार के पुतले जलाए. इस बीच, कुछ किसान नेताओं ने पटियाला जेल में सरवन सिंह पंढेर सहित अपने जेल में बंद साथियों से मुलाकात की और आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि पटियाला जेल में करीब 125 प्रदर्शनकारी, नाभा जेल में 150 और संगरूर जेल में 40 प्रदर्शनकारी बंद हैं. साथ ही किसानों ने दोनों मोर्चों से उनका जरूरी सामान चोरी होने का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार से भरपाई की मांग की है.
किसान नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने कहा कि हमने पटियाला जेल में महिलाओं सहित किसान नेताओं से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि वे बहुत उत्साहित हैं और लड़ाई जारी है. मालूम हो कि बुधवार 19 मार्च को चंडीगढ़ में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक से लौटने के दौरान कार्रवाई करते हुए पंढेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल सहित कई किसान नेताओं को पंजाब पुलिस ने हिरासत में ले लिया था.
केएमएससी नेता सुखविंदर सिंह ने किसान नेताओं को हिरासत में लेने और शंभू और खनौरी से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आम आदमी पार्टी सरकार की आलोचना की. उन्होंने सभी किसान नेताओं और प्रदर्शनकारियों को हिरासत से रिहा करने की मांग की.
उन्होंने यह भी दावा किया कि पुलिस कार्रवाई के बाद पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर किसानों का कई सामान गायब हो गया है. सिंह ने कहा कि शनिवार को गांवों में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के पुतले जलाए गए और यह अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि हम अपना आंदोलन तेज करेंगे.
शंभू और खनौरी विरोध प्रदर्शन का हिस्सा रहे कई किसानों ने दावा किया है कि ट्रॉलियों सहित उनका सामान गायब है, उन्होंने कहा कि हो सकता है कि वे चोरी हो गए हों. मंगत ने दावा किया कि जब किसान उन्हें वापस लेने के लिए साइट पर गए तो कई ट्रॉलियां गायब थीं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, इनवर्टर, एलपीजी सिलेंडर, वॉशिंग मशीन, पंखे और अन्य सामान भी गायब हैं. किसान अपने सामान की तलाश में गांवों का दौरा कर रहे हैं.
केएमएससी के एक अन्य नेता सतनाम सिंह पन्नू ने मांग की कि पंजाब सरकार गायब हुए सामान की भरपाई करे और शंभू और खनौरी विरोध स्थलों पर किसानों द्वारा बनाए गए ढांचों को हटाए. जैसे-जैसे विरोध प्रदर्शन बढ़ता गया, किसानों ने प्रदर्शनकारियों को समायोजित करने और अपने आंदोलन को बनाए रखने के लिए हाईवे पर अस्थायी ढांचे बनाए.
बता दें कि कार्रवाई करते हुए पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी में हाईवे को खाली करने के लिए अस्थायी ढांचों को हटाने के लिए जेसीबी मशीने लगाई थीं. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी किसान पिछले साल 13 फरवरी से शंभू (शंभू-अंबाला) और खनौरी (संगरूर-जींद) सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए थे, क्याेंकि हरियाणा पुलिस ने उन्हें बिना अनुमति के दिल्ली कूच करने से रोक दिया था. (पीटीआई)
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