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हरियाणा और दिल्‍ली में मतदाता संख्‍या में हैरान करने वाली गिरावट...कांग्रेस के एनालिस्‍ट का बड़ा दावा   

हरियाणा और दिल्‍ली में मतदाता संख्‍या में हैरान करने वाली गिरावट...कांग्रेस के एनालिस्‍ट का बड़ा दावा   

कांग्रेस डेटा एनालिटिक्स विभाग के अध्यक्ष प्रवीण चक्रवर्ती ने लोकसभा चुनावों के छठे दौर को लेकर एक बड़ा दावा किया है. उन्‍होंने कहा है कि छठे चरण में लगभग एक तिहाई निर्वाचन क्षेत्रों में साल 2019 के चुनावों की तुलना में मतदाताओं की कुल संख्या में 'अभूतपूर्व' गिरावट देखी गई है. उनका कहना है कि अंतिम चरण में मतदान करने वाले 58 निर्वाचन क्षेत्रों में से 17 में पिछले आम चुनावों की तुलना में कम मतदान हुआ है.

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कांग्रेस के एनालिस्‍ट ने मतदाता संख्‍या पर किया बड़ा दावा  कांग्रेस के एनालिस्‍ट ने मतदाता संख्‍या पर किया बड़ा दावा

कांग्रेस डेटा एनालिटिक्स विभाग के अध्यक्ष प्रवीण चक्रवर्ती ने लोकसभा चुनावों के छठे दौर को लेकर एक बड़ा दावा किया है. उन्‍होंने कहा है कि छठे चरण में लगभग एक तिहाई निर्वाचन क्षेत्रों में साल 2019 के चुनावों की तुलना में मतदाताओं की कुल संख्या में 'अभूतपूर्व' गिरावट देखी गई है. उनका कहना है कि अंतिम चरण में मतदान करने वाले 58 निर्वाचन क्षेत्रों में से 17 में पिछले आम चुनावों की तुलना में पूर्ण संख्या के मामले में कम मतदान हुआ है.  उन्‍होंने कहा  कि इसमें हरियाणा के आठ और दिल्ली के तीन संसदीय क्षेत्र इन 17 में शामिल हैं. 

हरियाणा की 8 सीटें 

अखबार द न्‍यू इंडियन से बात करते हुए चक्रवर्ती ने कहा कि छठे चरण का रुझान पहले पांच चरणों में 427 निर्वाचन क्षेत्रों के उनके पहले के विश्लेषण की तरह ही है. उन्‍होंने कहा कि जो अनुमान उन्‍होंने लगाया था उससे पता चला कि 115 यानी कुल 27 फीसदी निर्वाचन क्षेत्रों में साल 2019 की तुलना में कम लोग मतदान करने आए. चक्रवर्ती ने बताया कि साल 2024 में, हरियाणा के 8 निर्वाचन क्षेत्रों, जिनमें हिसार, करनाल, रोहतक और कुरुक्षेत्र शामिल हैं, में मतदाताओं की कुल संख्या 2019 में 1 करोड़ से करीब 95 लाख पर आ गई थी. जबकि साल 2014 में, इन 8 सीटों पर 90 लाख मतदाताओं ने मतदान किया था.  साल 2009 में यह आंकड़ा 70 लाख था.

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दिल्‍ली की 3 सीटों पर कम मतदाता 

उन्‍होंने दावा किया है कि इसी तरह दिल्ली के तीन निर्वाचन क्षेत्रों- चांदनी चौक, पूर्वी दिल्ली और नई दिल्ली में साल 2019 के चुनावों की तुलना में मतदाताओं की संख्या में गिरावट दर्ज की गई. उन्होंने बताया साल 2024 में इन 3 सीटों पर मतदाताओं की कुल संख्या 2019 में 32 लाख से घटकर लगभग 30 लाख के आसपास होने की आशंका है. 2014 में इन सीटों पर 31.5 लाख रजिस्‍टर्ड वोटर्स थे.  मतदाताओं की संख्या में गिरावट को 'दुर्लभ घटना' बताते हुए चक्रवर्ती ने चुनाव आयोग से इस पर ध्यान देने का आग्रह किया. 

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अब बचा है आखिरी चरण 

उनका कहना था कि उन्‍हें नहीं लगता कि यह स्वैच्छिक, कम मतदान है. उन्‍होंने लू या फिर गर्मी की वजह से या कोविड से होने वाली मौतों या मतदाता उदासीनता जैसे कारणों को भी मानने से इनकार कर दिया. चक्रवर्ती ने इसके साथ ही सवाल किया कि अगर 2024 में मतदाता मतदान प्रतिशत 2019 के समान या थोड़ा ज्‍यादा है तो 30 प्रतिशत निर्वाचन क्षेत्रों में कम मतदाता क्यों हैं? 19 अप्रैल से शुरू हुए लोकसभा चुनावों का अब बस आखिरी यानी सातवा चरण बाकी है. 1 जून को इस चरण के लिए वोट डाले जाएंगे जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी शामिल है. वहीं चुनावों के नतीजे 4 जून को आएंगे.