बिहार में बीते कई दिनों से "100 यूनिट फ्री बिजली" की खबरें सोशल मीडिया पर घूम रही थीं, लेकिन न तो कोई आधिकारिक ऐलान था और न ही कोई ठोस पुष्टि. लेकिन गुरुवार सुबह ठीक 8 बजे सीएम नीतीश कुमार ने एक्स पर एक ट्वीट कर सबको चौंका दिया है. जहां उन्होंने लिखा कि अब बिहार के सभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को 1 अगस्त से (जिसमें जुलाई महीने की बिजली शामिल है) आने वाले बिजली बिल में हर महीने 125 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी. इसके बाद सोशल मीडिया पर पक्ष और विपक्ष के पोस्ट, कमेंट्स और शेयर की झड़ी लग गई है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि कभी सदन में नीतीश कुमार मुफ्त बिजली देने के फैसले का विरोध कर चुके हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले सदन और अन्य सार्वजनिक मंचों से बार-बार यह कहते आए हैं कि बिजली मुफ्त देना राज्य के विकास और बिजली प्रणाली के लिए नुकसानदायक हो सकता है. उन्होंने विधानसभा में स्पष्ट रूप से कहा था कि बिजली कभी मुफ्त में नहीं देनी चाहिए, कम दर पर भले ही देनी चाहिए. मुफ्त में बिजली देना सबसे गलत काम है. उन्होंने कहा है, पंजाब ने इसकी शुरुआत की थी. उसने अपना क्या हाल कर कर लिया है? यह सबको पता है.
हालांकि, अब ये बातें पुरानी हो चुकी हैं. गुरुवार की सुबह जब मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी उपभोक्ताओं को 125 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा की, तो यह साफ हो गया कि बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू हो चुका है, जो बिहार के विकास में कितना कारगर होगा, वह समय की बात है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हर महीने 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा के बाद आरजेडी नेता शक्ति सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव की तरह अगर विपक्ष में कोई मज़बूत नेता हो, तो सरकार को झुकना ही पड़ता है. शक्ति सिंह यादव ने दावा किया कि 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा आरजेडी पहले ही कर चुकी है, जिसको देखते हुए नीतीश सरकार ने 125 यूनिट मुफ्त बिजली की घोषणा की है. उन्होंने आगे कहा कि आने वाले दिनों में आरजेडी अपने घोषणापत्र की कई अन्य योजनाएं भी नीतीश सरकार से लागू करवाएगी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से बिजली बिल में दी गई राहत को लेकर गांव से लेकर शहर तक, गरीब से लेकर मध्यम वर्ग और किसान-हर वर्ग के लोगों ने सराहना की है. सबका मानना है कि चुनावी साल में नीतीश सरकार का यह निर्णय आम लोगों की जिंदगी और जेब दोनों को राहत देगा. पटना की रहने वाली रिचा कहती हैं, 'हर महीने करीब दो हज़ार रुपये तक बिजली का बिल आता है. अगर सरकार 125 यूनिट मुफ्त देगी, तो निश्चित ही राहत मिलेगी. लेकिन यह वादा केवल चुनाव तक ही नहीं रहे.'
पटना जिले के किसान अभिजीत सिंह कहते हैं कि सरकार हर महीने 125 यूनिट मुफ्त देने की जगह प्रति यूनिट लगने वाला खर्च कम करे. एक तरफ यह मुफ्त बिजली देंगे, दूसरी ओर अन्य सेवाओं पर शुल्क बढ़ा देंगे. वहीं, रोहतास ज़िले के किसान अर्जुन कुमार का कहना है, “सरकार मुफ्त में बिजली दे रही है, यह तो ठीक है. लेकिन जो मुफ्त बिजली दे रही है उसमें आने वाला खर्च सरकार हमसे ही किसी न किसी तरीके से वसूलेगी. फिर 125 यूनिट मुफ्त देने की क्या जरूरत है? बेहतर होता कि सरकार बिजली मीटर और अन्य बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त कर देती.”
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