हरियाणा के किसानों ने अपनी फसलों की खरीद में देरी और अन्य समस्याओं को लेकर एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है. भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के नेतृत्व में गुरुवार को कुरुक्षेत्र के उपायुक्त कार्यालय के सामने सांकेतिक भूख हड़ताल की गई. सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चले इस धरना प्रदर्शन में संगठन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत कई किसान नेता शामिल हुए हैं.
गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने 'किसान तक' से बातचीत में बताया कि यह आंदोलन केवल हरियाणा तक सीमित नहीं है, बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश और तराई क्षेत्र के किसान भी इसमें शामिल हैं. उन्होंने बताया कि सरकार को जगाने के लिए किसानों ने तीन प्रमुख मांगें रखी हैं.
1-धान की खरीद तुरंत शुरू हो:
चढ़ूनी ने कहा कि पंजाब में 16 सितंबर से धान की खरीद शुरू हो चुकी है, लेकिन हरियाणा के किसान अभी भी इंतजार कर रहे हैं. 15 सितंबर से खरीद शुरू करने की मांग रखी गई थी, जिस पर अब तक अमल नहीं हुआ. मंडियों में फसल की आवक शुरू हो चुकी है, लेकिन खरीद प्रक्रिया नहीं चलने से किसान संकट में हैं. खराब मौसम में उपज बर्बाद होने का डर बना हुआ है.
2-बाजरे की खरीद एमएसपी पर हो और तुरंत शुरू की जाए:
पिछले 15 दिनों से मंडियों में बाजरे की आवक हो रही है, लेकिन अभी तक खरीद शुरू नहीं की गई है. चढ़ूनी ने बताया कि वर्तमान में बाजरा एमएसपी से करीब ₹800 कम कीमत पर बिक रहा है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है.
3-फसल क्षति पोर्टल को 30 सितंबर तक पुनः खोला जाए:
चढ़ूनी ने कहा कि सरकार ने 15 सितंबर को फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल बंद कर दिया है, जबकि अभी भी कई किसानों की फसलें खराब हो रही हैं. ऐसे में पोर्टल को 30 सितंबर तक खोला जाए ताकि सभी किसान नुकसान की जानकारी दर्ज कर सकें.
भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने उत्तर प्रदेश के किसानों के मुद्दों पर भी सरकार से तीन मांगें रखी हैं:
गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि सरकार को चेतावनी दी जा चुकी है. अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा.
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