उत्तर प्रदेश में जल्द ही विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. लेकिन इन उपचुनावों से पहले विधानपरिषद की एक सीट पर उपचुनाव हुआ है. 12 जुलाई को विधानपरिषद की एक सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिये भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार बहोरन लाल मौर्य शुक्रवार को निर्विरोध निर्वाचित हो गये. विधानसभा के एक अधिकारी की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है. यह वह सीट है जिसे स्वामी प्रसाद मौर्य ने छोड़ दिया था.
विधानसभा के विशेष सचिव और निर्वाचन अधिकारी मोहम्मद मुशाहिद ने शुक्रवार शाम बहोरन लाल मौर्य के निर्वाचित होने का ऐलान किया. मुशाहिद ने बहोरन लाल मौर्य ने निर्वाचित होने की सूचना भी जारी कर दी. विधानसभा के एक विशेष सचिव ने बताया कि शुक्रवार को नामांकन वापसी की अवधि समाप्त होने के बाद बहोरन लाल मौर्य को निर्वाचित होने का प्रमाण पत्र दे दिया गया.बहोरन लाल मौर्य ने मंगलवार को विधानपरिषद की सदस्यता (एमएलसी) के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था.
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उनके मुकाबले विपक्षी दलों से कोई नामांकन दाखिल नहीं किये जाने से वह निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गये. शुक्रवार को नामांकन वापसी की समय समाप्त होने के बाद उनके निर्वाचित होने की घोषणा की गई. सपा के मुख्य प्रवक्ता और एमएलसी राजेंद्र चौधरी ने बताया कि पार्टी ने उच्च सदन के लिए चुनाव न लड़ने का फैसला किया है. हालांकि जब उनसे इसकी वजह पूछी गई तो वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सके.
इस उपचुनाव के लिये 25 जून को अधिसूचना जारी की गयी थी जबकि नामांकन की आखिरी तारीख दो जुलाई थी. तीन जुलाई को नामांकन पत्रों की जांच के बाद पांच जुलाई तक नाम वापस लेने की तारीख तय की गयी थी. आवश्यकता पड़ने पर मतदान 12 जुलाई को होना तय था. यह सीट समाजवादी पार्टी के सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा इसी साल 20 फरवरी को इस्तीफा दिये जाने के कारण रिक्त हुई. वैसे, उनका कार्यकाल जुलाई 2028 तक था. स्वामी प्रसाद मौर्य ने विधानपरिषद की सदस्यता और सपा छोड़ने के बाद राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के नाम से अपना राजनीतिक दल गठित किया था.
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बहोरन लाल मौर्य 1996 और 2017 में बरेली की भोजीपुरा सीट से विधायक रह चुके हैं. साल 2022 में विधानसभा चुनाव में वह समाजवादी पार्टी (सपा) के शहजिल इस्लाम से 9400 से अधिक मतों के अंतर से हार गये थे. विधानपरिषद की वेबसाइट के अनुसार 100 सदस्यीय इस सदन में इस समय बीजेपी के 78 और सपा के 10 सदस्य हैं. इसके अलावा अपना दल-सोनेलाल, निषाद पार्टी, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक, राष्ट्रीय लोक दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी तथा शिक्षक दल के एक-एक और चार निर्दलीय सदस्य हैं.
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