पंजाब से आम आदमी पार्टी के सांसद संदीप कुमार पाठक ने आज राज्यसभा में पंजाब में धान खरीदी की प्रक्रिया में आई समस्याओं को लेकर सवाल उठाए. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर सवाल उठातेअब भी किसानों से बदला ले रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब में धान खरीदी को लेकर एक आर्टिफिशियल क्राइसिस (कृत्रिम संकट) खड़ा किया गया, जिससे किसानों, आढ़तियों और राइस मिलर्स को नुकसान हुआ है. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह पूरे देश के धान किसानों के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि किसान मंडी में अपनी उपज ले जाकर उसे बेचता है. इसके बाद अनाज वहां से मिलिंग के लिए जाता है और जिसे बाद में FCI के गोदाम भेजा जाता है. वहां से फिर इसे कई राज्यों में डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है. इस कड़ी में किसी एक प्रक्रिया को भी बाधित कर दिया जाए तो किसानों, आढ़तियों और राइस मिलर्स को नुकसान होता है.
सांसद संदीप पाठक ने कहा कि इस साल पंजाब में जो FCI के गोडाउन थे, उन्हें खाली नहीं किया गया. इसके अलावा जो पंजाब के राइस मिलर्स के पास 2 लाख मीट्रिक टन पिछले साल की खरीदी का स्टॉक रखा था, उसे भी नहीं उठाया गया. ऐसे में जब आपके गोडाउन खाली नहीं होंगे और मिलर्स के पास जगह नहीं होगी तो धान खरीदी की प्रक्रिया बाधित होगी. इससे हुआ ये कि किसान मंडियों में लाइन लगाकर खड़े रहे. उन्हें हड़बड़ी और डर के कारण सस्ते रेट पर धान बेचनी पड़ी. इसके अलावा किसानों की अगली फसल में भी देरी हुई. इससे सीधे देश की अर्थव्यवस्था पर फर्क पड़ता है.
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इस कारण से आढ़तियों पर भी असर पड़ता है. पहले उन्हें एमएसपी पर ढाई प्रतिशत का लाभ दिया जाता था. अब केंद्र सरकार ने उसे सिर्फ 45 रुपये फिक्स कर दिया है. इसके बाद उन्होंने राइस मिलर्स का मुद्दा उठाया और कहा कि राइस मिलर्स के पास मिलिंग के बाद जो बाय-प्रोडक्ट बचता है उसी से उन्हें मुनाफा होता है. लेकिन, उनकी मिलिंग रुक गई है. एक प्रकार से जो पूरी प्रक्रिया है, उसे डिस्टर्ब करने की कोशिश की गई.
राज्य सरकार ने पिछले 6 महीने में केंद्र सरकार को 7 पत्र लिखे, लेकिन उनक कोई जवाब नहीं मिला. इस दौरान उन्होंने मालगाड़ी की संख्या 18 से 36 पर बढ़ाने की मांग की. इस दौरान उन्होंने FCI की कार्यशैली और टाइम टेबल को लेकर भी सवाल उठाए. आप सांसद ने कहा कि इस बार ऐसा क्या हुआ कि धान खरीदी की प्रक्रिया अस्त-व्यस्त की गई.
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