किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेनाल ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून समेत अन्य किसानी मांगों को लेकर धर्मगुरुओं को पत्र लिखा है. पत्र में अलग-अलग सरकारों द्वारा अलग-अलग समय पर किसानों से किए गए वादों को पूरा कराने के लिए जगजीत सिंह डल्लेवाल 48 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं. पिछले 11 महीनों से हजारों किसान ठिठुरती ठंड, चिलचिलाती धूप और बारिश-तूफान में सड़कों पर बैठे हैं. 13 फरवरी से शुरू हुए आंदोलन में पुलिस की कार्रवाई में 1 किसान शुभकरण सिंह की गोली लगने से मौत हो गई, 5 किसानों की आंखों की रोशनी चली गई और 434 किसान घायल हो गए.
डल्लेवाल ने पत्र में लिखा है कि इतिहास इस बात का गवाह है कि जब-जब राजसत्ता सही मार्ग से भटक जाती है, तो धर्मगुरु राजसत्ता को सही रास्ते पर लाने का काम करते रहे हैं. उन्होंने धर्मगुरुओं से निवेदन किया है कि आप वर्तमान राजसत्ता को किसानों से किए गए वादे पूरे करने की कहें ताकि किसानों को उनके हक-अधिकार मिल सकें, जिससे किसानों की आत्महत्या बंद हो सके. हमारा आप से विनम्र निवेदन है कि आप किसान मोर्चे की मजबूती और MSP को कानूनी गारंटी दिलवाने में साथ दें.
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सरकार की ओर से खेती के कामों को प्रदूषण कानून से बाहर निकालने, लखीमपुर खीरी के घायलों को उचित मुआवजा देने, बिजली बिल को संसद में पेश करने से पहले किसानों से चर्चा करने और आंदोलनकारी किसानों पर आंदोलन संबंधी मुकदमे वापस लेने समेत कई लिखित वादे किए गए थे, जो आज तक अधूरे हैं. डल्लेवाल ने कहा कि 26 नवंबर को मेरा आमरण अनशन शुरू होने के बाद पिछले 48 दिनों में हम देश के प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के जजों को चिट्ठी लिख चुके हैं, लेकिन किसी ने भी हमारी चिट्ठी पर न तो कोई गौर किया और न ही उसका जवाब दिया है.
वहीं, जगजीत सिंह डल्लेवाल के डॉक्टरों ने कहा कि डल्लेवाल की हड्डियां (विशेषकर आंख के साइड) सिकुड़नी शुरू हो गई हैं, जो बेहद चिंताजनक है. किसान नेताओं ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के विनम्र निवेदन को स्वीकार करते हुए आपसी तालमेल के लिए मीटिंग 13 जनवरी को पातड़ा में आयोजित करने का फैसला लिया है.
हरियाणा के हिसार से किसानों का एक जत्था जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में रविवार को खनौरी किसान मोर्चे पर आया था. उन्होंने कहा कि हम जगजीत सिंह डल्लेवाल के संघर्ष के साथ खड़े हैं और परमात्मा न करे, यदि डल्लेवाल के साथ कुछ अनहोनी हो गई तो केंद्र सरकार स्थिति संभाल नहीं पाएगी. हरियाणा से आए किसानों ने कहा कि डल्लेवाल पूरे देश के किसानों के नेता हैं और हम सब उनके लिए अपनी जिंदगी कुर्बान करने के लिए तैयार हैं.
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