रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के प्यार का एक अनूठा पर्व है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं. वहीं बहनें अपने भाई को अलग-अलग डिजाइन की राखियां बाधंती हैं.इस बार अनाज की कुछ राखियां काफी सुर्खियां बटोर रही हैं. आइए जानते हैं कैसे बनी है ये राखी.
बिहार की राजधानी पटना से करीब दस किलोमीटर दूर कुरकुरी गांव के किसानों की बेटियों ने अलग-अलग अनाज से पहली बार ऐसी राखी बनाई है.
किसान की बेटियों ने अनाज की राखी में चावल,दाल, मक्का, मूंगफली और सोयाबीन का इस्तेमाल किया है. ये राखियां देखने में काफी सुंदर लग रही हैं.
राखी बनाने वाली लड़कियों ने कहा कि बाजार में जहां एक राखी 20 से 25 रुपए में मिलती है. अगर चार राखी 100 रुपये में खरीदें उतने खर्च में अनाज की पचास से अधिक राखी घर पर ही बना सकते हैं.
लड़कियों ने इसी सोच के साथ अनाज की राखी बनाई है कि कम खर्च में ही राखी बनाई जाए. वहीं किसान की बेटी ने कहा कि किसान की बेटी हूं तो बात भी किसानी की होनी चाहिए.
इस राखी का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसे कहीं फेंका भी जाएगा तो किसी चिड़िया का भोजन बन सकता है और बीज से जमीन में नए पौधे आ सकते हैं.
लड़कियों ने कहा कि राखी बनाने में थोड़ी मेहनत तो है लेकिन इसके लिए बाहर के सामान की ज्यादा जरूरत नहीं है. बाहर के सामान में इसमें सिर्फ मोती फेविकोल और रक्षा ही खरीदा गया है.
वहीं किसान की बेटी ने कहा कि इस साल रक्षाबंधन में वो अपने भाई की कलाई पर अनाज से बनी राखी बांधेगी. इस राखी का सबसे बड़ा फ़ायदा है कि बाद में यह राखी किसी चिड़िया का भोजन बन सकती है और इसके बीज से नया पौधा बन सकता है.
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