खनौरी बॉर्डर के पास खनौरी कस्बे में भारत बंद का असर दिख रहा है. यहां सीटू की महिला समूहों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया. व्यापारियों ने दुकानें बंद कर दीं. खनौरी सीमा पर आंदोलनकारी किसानों के लिए आपूर्ति ले जाने वाले वाहनों को भी दूरदराज के संकीर्ण इलाकों की ओर मोड़ दिया जा रहा है.
किसान आंदोलन को देखते हुए एसकेएम ने आज भारत बंद बुलाया है. वैसे तो यह बंद देशव्यापी बुलाया गया है, लेकिन इसका असर पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में दिख रहा है. इसी में खनौरी कस्बा भी है.
पंजाब और हरियाणा में बंद को थोड़ा असर इसलिए देखा जा रहा है क्योंकि यहीं के किसान आंदोलन में शामिल हैं. खासकर पंजाब में इसका असर है. देश के बाकी हिस्सों से आ रही रिपोर्ट्स से साफ है कि बंद के बावजूद जनजीवन सामान्य है.
बात शंभू बॉर्डर के ग्राउंड जीरो की करें तो यहां एक बदलाव देखने को मिला है. किसान प्रोटेस्टर और हरियाणा के जवानों के बीच में किसान संगठन की तरफ से एक मोटे पाइप की रस्सी बांध दी गई और कहा गया है की प्रोटेस्टर इसके आगे न बढ़ें. इसके आगे बढ़ते ही आंसू गैस का गोला छोड़ा जाता है. सरकार और किसानों के बीच तीसरे दौर की बातचीत में यही मामूली बदलाव देखने को मिला है.
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए 'भारत बंद' का आह्वान किया है. पंजाब के किसानों ने मंगलवार को अपना 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू किया, लेकिन दिल्ली और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बॉर्डर पर सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोक दिया.
प्रदर्शनकारी किसान चार दिनों से बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. उनका आंदोलन शुक्रवार को चौथे दिन में प्रवेश कर गया है. दिल्ली और हरियाणा के बीच दो बॉर्डर्स पॉइंट यातायात के लिए बंद रहे और दंगा-रोधी सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती की गई. सीमा बंद होने के कारण यात्रियों को कुछ हिस्सों से गुजरने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
गुरुवार शाम को चंडीगढ़ में सरकार और किसान नेताओं के बीच तीसरे दौर की बातचीत हुई, लेकिन सुलह का रास्ता नहीं निकल सका. इस मीटिंग में सरकार की ओर से पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय शामिल हुए जबकि किसानों के 15 संगठन इसमें हिस्सेदार थे. अंत में फसलों की एमएसपी को लेकर पेच फंस गया.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today