मध्य प्रदेश के खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 65 किलोमीटर दूर महेश्वर में गाय और बैल की अनोखी शादी कराई गई. महाराष्ट्र के धूलिया जलगांव जिले के 50 से अधिक गांव के भरवाड़ समाज, मालधारी समाज के हजारों सामाजिक बंधुओ ने ये अनोखा आयोजन किया.
समाज के लोगों ने बाकायदा बैल को दूल्हे के रूप में सजाया और डीजे बैंड बाजे की धुन पर थिरकते हुए हजारों की संख्या में बाराती बनकर महेश्वर में दुल्हन बनी गाय का विवाह करने पहुंचे.
ग्रामीणों ने इस विवाह का नाम शिव विवाह रखा. शिव विवाह में दुल्हन गौ माता नंदिनी जो महेश्वर निवासी थी और दूल्हा बना बैल नंदकिशोर दैवद गांव शिरपुर महाराष्ट्र से अपनी दुल्हन लेने पहुंचा. दूल्हे की उम्र 12 महीने है.
इस शादी में हजारों की संख्या में महाराष्ट्र से महेश्वर बाराती के रूप में महिला पुरुष पहुंचे. महाराष्ट्र निवासी राणा भगत का कहना है उन्हें विचार आया कि कैड़ा-कैड़ी (बैल-गाय) का विवाह कराया जाए.
जब वो गुजरात से महाराष्ट्र आए तो उन्होंने सोचा महेश्वर में वो अनुष्ठान करेंगे. उन्होंने निर्णय लिया की गाय बैल का विवाह कराऊंगा क्योंकि पुराने जो ऋषि महात्मा थे वो गाय और बैल का विवाह करते थे. शिव विवाह बेल और गाय का विवाह है.
अहिल्या माता की नगरी महेश्वर और नर्मदा नदी के किनारे गाय बैल का विवाह कराया है. इसमें सभी समाज के लोग शामिल हुए हैं बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई है पूरे विधि विधान के साथ गाय बैल का विवाह कराया गया है.
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