Poverty Eradication : 9 साल में यूपी के 6 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए, नीति आयोग की रिपोर्ट ने किया उजागर

Poverty Eradication : 9 साल में यूपी के 6 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए, नीति आयोग की रिपोर्ट ने किया उजागर

नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक गरीबी के दुश्चक्र से गरीबों को बाहर निकालने के लिए Poor Welfare Schemes का लाभ सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजने की नीति असरकारी साबित हो रही है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देश में 25 करोड़ लोगों को Poverty Line के ऊपर लाया जा सका है. इनमें लगभग 6 करोड़ लोग यूपी के हैं.

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Poverty Eradication : 9 साल में यूपी के 6 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए, नीति आयोग की रिपोर्ट ने किया उजागरयूपी सरकार ने गांव की समस्याएं गांव में ही दूर करने के लिए चलाई ग्राम चौपाल मुहिम

देश में Poverty Eradication के लिए केंद्र सरकार की गरीब कल्याण योजनाओं का असर अब दिखने लगा है. यूपी सरकार ने नीति आयोग की रिपोर्ट के हवाले से दावा किया है कि मोदी सरकार के पिछले नौ साल के कार्यकाल में सूबे के लगभग 6 करोड़ लोगों को Vicious Circle of Poverty से बाहर लाने में कामयाबी मिली है. योगी सरकार का दावा है कि नीति आयोग की रिपोर्ट ने प्रदेश में गरीबी निवारण की दिशा में किए गए डबल इंजन सरकार के प्रयासों पर मुहर लगा दी है. इसके पीछे दलील दी गई है कि सरकार से गरीबों तक पहुंचने वाली योजनाओं में भ्रष्टाचार बंद होने के कारण अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचने लगा है. यही वजह है कि अंत्योदय के संकल्प के साथ करोड़ों लोगों को गरीबी रेखा से बाहर लाने का सपना साकार हो रहा है.

बहुआयामी गरीबी से मिल रही मुक्त‍ि

योगी सरकार ने नीति आयोग की रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि यूपी को 'वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी' बनाने के प्रयासों को गरीबी उन्मूलन के साथ ही बल मिलेगा. नीति आयोग की ओर से पेश किए गए Discussion Paper में कहा गया है कि गरीबी उन्मूलन समूची अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मददगार साबित होगा. आयोग की रिपोर्ट 'Multidimensional Poverty in India since 2005-06' के निष्कर्ष में कहा गया है कि गरीब कल्याण की मौजूदा नीतियां गरीबी के बहुआयामी स्वरूपों पर प्रभावी साबित हो रही हैं.

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डबल इंजन की सरकार में खत्म हुआ लीकेज

रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में साल 2013-14 में 42.59 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे रहने को मजबूर थे. अब 2022-23 में यह स्तर घटकर 17.40 प्रतिशत पर आ गया है. इसके अनुसार इन 9 सालों में यूपी के कुल 593.69 लाख लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं. यह केंद्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर समन्वय का नतीजा है. जिसे Double Engine सरकार कहा जा रहा है. 

योगी सरकार का दावा है कि 2017 से पहले यूपी में केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय की कमी होने के कारण केंद्रीय योजनाओं का लाभ लक्ष‍ित वर्गों तक नहीं पहुंच पा रहा था. यूपी में योगी सरकार बनने के बाद डबल इंजन सरकार ने गरीब कल्याण की योजनाओं में भ्रष्टाचार से जनित सभी प्रकार Leakage बंद कर दिए गए.  आवास, चिकित्सा, पेयजल सहित केंद्र की अन्य योजनाएं को बेहतर तरीके से प्राथमिकता के साथ लागू किया गया.

योगी सरकार ने दलील दी है कि पिछली सरकार में गरीबों के लिए केंद्र सरकार से पीएम आवास योजना के तहत आवास की मांग ही नहीं की जाती थी. अब डबल इंजन की सरकार ने 2017 के बाद लाखों महिलाओं को मकान मालिक बनाया है. इसके अलावा युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के प्रयासों को भी बल मिला है. गरीब कल्याण की सभी योजनाएं पूरे प्रदेश में प्रभावी ढंग से लागू हो रही हैं.

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यूपी अब नहीं है बीमारू राज्य

नीति आयोग की रिपोर्ट के हवाले से योगी सरकार ने दलील दी है कि यूपी अब बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर आ गया है. अब यूपी देश की Second Largest Economy बन रहा है. नतीजनत, यूपी में Per capita income दोगुनी हुई है. यह केंद्र और राज्य सरकार के सामूहिक प्रयासों से ही संभव हो रहा है. आंकड़ों के हवाले से देखें तो, कोविड काल में 3 साल तक पूरे विश्व में आर्थिक मंदी रही, इसके बावजूद, यूपी की अर्थव्यवस्था अपनी Growth rate को बनाए रखने में सफल रही. इसी का परिणाम है कि प्रदेश की Annual Income में सतत बढ़ोतरी हो रही है. साथ ही, यूपी Revenue Surplus State बन कर उभरा है.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने नीति आयोग की इस रिपोर्ट पर खुशी जताते हुए इसका श्रेय पीएम नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व को दिया है. योगी ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. यह समावेशी विकास और परिवर्तनकारी आर्थिक सुधारों के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को प्रमाणित करती है. उन्होंने इसके लिए पीएम मादेी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह प्रभावी शासन का एक उत्तम उदाहरण है. ये 'मोदी की गारंटी' है, जिस पर पूरा देश भरोसा करता है.

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