पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में 25 से 28 जनवरी तक हल्की बारिश और बर्फबारी होने का अनुमान है. बताया जा रहा है कि दो कमजोर पश्चिमी विक्षोभों के प्रभाव के कारण मौसम में यह बदलाव देखा जा रहा है. ताजा मौसम अपडेट के अनुसार, उत्तर भारत में आने वाले पांच दिनों में घने से बहुत घने कोहरे का प्रकोप हो सकता है. बता दें उत्तर भारत के कई राज्य इस वक्त भीषण शीतलहर का सामना कर रहे हैं और कई स्थानों पर कोल्ड डे की स्थिति बनी हुई है.आईएमडी का अनुमान है कि अगले दो दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में और गिरावट देखी जाएगी. इसके कारण ठंड और बढ़ सकती है. उत्तर भारत के कई हिस्सों में कोहरे की स्थिति दर्ज की गई है और पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, बिहार सहित अन्य क्षेत्रों में घने कोहरे के कारण दृश्यता कम हो गई है. पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में शीतलहर से लेकर गंभीर शीतलहर की स्थिति दर्ज की गई है.
यह भी अनुमान है कि अगले 2-3 दिनों में विदर्भ, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, तटीय आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल और सिक्किम में चक्रवाती सर्कुलेशन के साथ बारिश होगी. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 24 से 28 जनवरी तक हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद की जा सकती है. जबकि 25 जनवरी को भारी बारिश की संभावना है. इस दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान 3-5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जबकि पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, दक्षिण उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में तापमान 6-10 डिग्री के बीच रहा है.
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में सबसे कम तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. आम लोगों के लिए यह मौसम कई तरह की परेशानी लेकर आया है. जिसमें ट्रैफिक की समस्या सबसे बड़ी है. क्योंकि घने कोहरे और खराब मौसम के कारण रेल और हवाई सेवा बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं.घना कोहरा हवाई अड्डों और हाइवे के यातायात को प्रभावित कर सकता है. जिससे वाहनों की रफ्तार धीमी हो सकती है और यात्रा का समय बढ़ सकता है. साथ ही सड़क दुर्घटनाओं की भी संभावना बन सकती है. बिजली लाइनों की संभावित ट्रिपिंग के साथ बिजली क्षेत्र में भी कुछ गड़बड़ी देखी जा सकती है.
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स्वास्थ्य पर घना कोहरा असर डाल सकता है. घने कोहरे में कण और अन्य प्रदूषक तत्व होते हैं जो फेफड़ों से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं, आंखों में जलन और अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के रोगियों के लिए असुविधाजनक हो सकते हैं. इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि जब तक आवश्यक न हो तब तक बाहर जाने से बचें और बाहर निकलते समय चेहरे को ढकने जैसे एहतियाती कदम उठाएं. लोगों को भीषण ठंड से खुद को बचाने के लिए एहतियाती कदम उठाने की भी सलाह दी गई है. लोगों से कहा गया है कि वो गर्म ऊनी कपड़ों की कई परतें पहने, विटामिन युक्त भोजन करें और गर्म तरल पदार्थ पीए साथ ही बाहरी गतिविधियों से बचना या कम करना और बिजली और गैस हीटिंग उपकरणों का उपयोग करते समय सावधानी बरतें.
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