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कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के बाजारों में टमाटर की आवक शुरू, कीमतों में तेजी से आ रही गिरावट

कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के बाजारों में टमाटर की आवक शुरू, कीमतों में तेजी से आ रही गिरावट

थोक बाजारों में टमाटर की कीमतों में आ रही कमी का असर खुदरा बाजारों में भी देखने के लिए मिल रहा है. क्योंकि जहां पहले देश के अलग-अलग खुदरा बाजारों में प्याज 80-100 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा था,आज उन्हीं बाजारों में प्याज 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा है.

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टमाटर की कीमतों में आ रही गिरावट (सांकेतिक तस्वीर) टमाटर की कीमतों में आ रही गिरावट (सांकेतिक तस्वीर)

देश में टमाटर की बढ़ती कीमतों के बीच अब अच्छी खबर यह आ रही है कि प्याज की तरह इसकी कीमतों में भी गिरावट देखी जा रही है. पिछले 15 दिनों के दौरान थोक बाजार में टमाटर की कीमतों में लगभग 40 प्रतिशत तक की कमी आई है. बताया जा रहा है कि आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में नई टमाटर की फसल बाजार में आ रही है इसके चलते कीमतों में कमी देखी जा रही है. अलग-अलग थोक बाजारों से मिल रही जानकारी के अनुसार जहां पहले 25 किलोग्राम वाले टमाटर के एक कैरेट 900-1000 रुपये के बीच बिक रहा था, वहीं आज घटकर 400-600 रुपये प्रति कैरेट की दर से बिक रहा है. कीमतों में कमी आने से उपभोक्ताओं को काफी राहत मिली है. 

थोक बाजारों में टमाटर की कीमतों में आ रही कमी का असर खुदरा बाजारों में भी देखने के लिए मिल रहा है. क्योंकि जहां पहले देश के अलग-अलग खुदरा बाजारों में प्याज 80-100 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा था,आज उन्हीं बाजारों में प्याज 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा है. उम्मीद की जा रही है कि जैसे-जैसे दक्षिण भारत के बाजारों में टमाटर की आवक बढ़ेगी वैसे ही इसकी कीमतों में और कमी देखी जाएगी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष ने टमाटर की कम होती कीमतों की पुष्टि करते हुए कहा कि कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में नई फसल बाजार में आ रही है इसके चलते टमाटर की कीमतों में कमी देखी जा रही है.  सितंबर महीने तक कीमतों में और कमी देखी जा सकती है. 

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झारखंड में भी कम हो रही कीमत

झारखंड की राजधानी रांची के बेड़ो बाजार के एक व्यापारी रवि प्रसाद गुप्ता ने कहा कि बेड़ो मंडी में टमाटर की कीमतें लगभग आधी हो गई हैं. यहां पर टमाटर थोक में 40 रुपये किलोग्राम की दर से बिक रहा है. प्रति कैरेट टमाटर 1000 में मिल रहा है. जबकि खुदरा कीमत 60-70 रुपये के बीच है. रवि प्रसाद ने कहां की टमाटर की कीमतों में यह कमी बेंगलुरु से आने वाले टमाटर की कीमतों में आई गिरावट के बाद देखी जा रही है. हालांकि उन्होंने कहा कि फिलहाल इससे अधिक दाम कम होने की उम्मीद नहीं है. लेकिन जैसे ही स्थानीय स्तर पर उगाए गए टमाटर बाजार में आने लगेंगे, कीमतें कम हो जाएंगी, पर उसके लिए अभी दो महीने का इंतजार करना पड़ेगा. 

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इस वजह से बढ़े थे दाम

टमाटर की कीमतों में यह कमी ग्राहकों के लिए फायदेमंद होती है पर किसानों को इससे नुकसान होता है. क्योंकि टमाटर की खेती में लागत भी बढ़ गई है. इसके अलावा इस सीजन में टमाटर खेती में जोखिम अधिक रहता है. क्योंकि सबसे पहले तो पौधों को तेज धूप और गर्मी से बचाना पड़ता है फिर फलों को तेज बारिश से बचाना पड़ता है. तब जाकर ही किसानों को इसके अच्छे दाम मिलते हैं. इस साल टमाटर की कीमतें बढ़ने के पीछे की वजह अप्रैल मई में पड़े भीषण गर्मी को बताया गया था. क्योंकि हीट वेव के कारण खेती को नुकसान हुआ था और प्रमुख उत्पादक राज्यों में टमाटर की कमी हो गई थी. पर अब नई फसल आनी शुरू हो रही है इससे कीमतों पर असर पड़ेगा.