हिमाचल प्रदेश में हुई भारी बारिश ने एक तरफ जनजीवन अस्त-व्यस्त किया है तो दूसरी तरफ किसानों के लिए भी बड़ा संकट खड़ा कर दिया है. असामान्य रूप से भारी मॉनसूनी बारिश के कारण बड़े पैमाने पर हिमाचल के कई इलाकों में भूस्खलन हुआ है. काफी सड़कें बंद हैं. नतीजतन, परिवहन में बाधा हो रही है. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें सेब को नाली में बहाते दिखाया जा रहा है. ये वीडियो शिमला जिले के रोहड़ू क्षेत्र का बताया जा रहा है. इस वीडियो में बागवान पिकअप से कैरेट निकालकर सेब नाले में फेंकते हुए दिख रहे हैं. वहीं, सेब उत्पादकों द्वारा नाले में उपज फेंकने का वीडियो वायरल होने के बाद हिमाचल प्रदेश के बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने उस वीडियो की प्रमाणिकता का पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया है. जगत सिंह नेगी के मुताबिक, "वीडियो 20 दिन पुराना है और यह दावा कि सड़क बंद होने के कारण सेब सड़ गया, गलत और भ्रामक है, क्योंकि वैकल्पिक रास्ता खोला दिया गया था."
वहीं पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक शिमला के एक गांव के तीन सेब उत्पादकों ने एक स्थानीय तहसीलदार को बताया कि उन्होंने सेब की कई पेटियां नदी में फेंक दी हैं, क्योंकि भूस्खलन के बाद सड़कें बंद होने के कारण वे अपनी उपज बेचने के लिए बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे थे. वहीं वराल गांव के उप प्रधान दौलत राम ने तहसीलदार को पत्र लिखकर दावा किया कि भारी बारिश के कारण भूस्खलन के बाद गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाली ब्लासन-चनरी-पडसारी सड़क 9 जुलाई से बंद है. उन्होंने पत्र में कहा, तीन किसानों ने सेब की लगभग 68 पेटियां नदी में फेंक दीं. वहीं इस वीडियो पर विपक्षी नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
Apple growers in Shimla are forced to drain their produce in a rivulet because Congress Govt in Himachal has failed to help farmers reach fruits to market in time.
— Amit Malviya (@amitmalviya) July 30, 2023
On the one hand Rahul Gandhi sheds tears for farmers, on the other, Congress state Govts are a disaster, when it… pic.twitter.com/d6rS9uvkAD
भाजपा प्रवक्ता चेतन बरागटा ने पीटीआई को बताया कि राज्य के सेब क्षेत्र में कई संपर्क सड़कें बंद हैं और किसान चिंतित हैं. आने वाले दिनों में सेब का परिवहन एक बड़ा मुद्दा बन जाएगा. उन्होंने कहा कि हर साल 15 जुलाई तक सरकारी एजेंसियों द्वारा संग्रह केंद्र स्थापित किए जाते थे, लेकिन इस बार ऐसी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. उन्होंने कहा कि सेब उत्पादकों के लिए कोई संग्रहण केंद्र नहीं होने और सड़क अवरोधों ने सेब उत्पादकों का जीवन दयनीय बना दिया है.
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वहीं अधिकारियों ने कहा कि राज्य भर में 400 से अधिक सड़कें वाहन यातायात के लिए बंद हैं और उनमें से लगभग 240 सड़कें शिमला क्षेत्र में हैं, जिसमें शिमला, सोलन और सिरमौर जिले शामिल हैं.
(साभार:पीटीआई)
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