तेलंगाना के किसानों को जल्द ही रायथु बंधु स्कीम के तहत पैसा मिलने वाला है. यह पैसा तेलंगाना के उन चार लाख किसानों को मिलेगा जिन्हें पिछले दिनों योजना के तहत राशि नहीं मिल पाई थी. तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार 8 मई तक बाकी बचे चार लाख किसानों को रायथु बंधु योजना के तहत पैसे देगी. इसके साथ ही सभी लाभार्थियों को 9 मई तक आसरा पेंशन जमा कर देगी. खम्मम लोकसभा सीट अंतर्गत कोठागुडेम विधानसभा क्षेत्र में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए रेवंत रेड्डी ने कहा कि अगर 9 मई तक रायथु बंधु योजना के तहत लाभ मिलने से एक भी लाभार्थी छूट जाता है तो मैं शहीदों के स्मारक पर जाकर जमीन पर अपनी नाक रगड़ूंगा.
इसके अलावा उन्होंने बीआरएस के अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव को चुनौती देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सरकार अगले चार दिनों में सफलापूर्वक रायथु बंधु योजना का कार्यान्वयन कर देती है तो क्या वो जमीन पर अपनी नाक रगड़ेंगे. मंच के माध्यम से सीएम रेवंत रेड्डी ने केसीआर के उन आरोपों का जवाब दिया जिसमें कहा गया था कि राज्य की कांग्रेस सरकार राज्य के किसानों रायथु बंधु योजना का लाभ देने में विफल साबित हो रही है और लाभार्थियों को आसरा पेंशन का लाभ भी नहीं दे रही है. इसके साथ ही रेवंत रेड्डी ने दोहराया की 15 अगस्त तक राज्य के दो लाख किसानों का लोन सरकार माफ कर देगी.
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तेलंगाना टूडे की एक खबर के अनुसार तेलंगाना में किसान वनकलम (खरीफ) मौसम के फसल की तैयारी कर रहे हैं. जो लगभग एक और महीने बाद शुरू होने वाला है. पर किसान अभी भी अनश्चितता के साए में हैं. क्योंकि किसानों ने जिस आत्मविश्वास के साथ पिछले साल खेती की थी वो इस वर्ष नहीं दिखाई दे रही है. किसानों को कांग्रेस सरकार से बहुत उम्मीदें थीं. उन्हें उम्मीद थी की रायथु बंधु योजना के तहत फसल निवेश सहायता की राशि बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति एकड़ से 15,000 रुपये प्रति एकड़ कर दी जाएगी. किसानों को यह आश्वासन मिला था की खरीफ सीजन तक उन्हें यह राशि मिल जाएगी. पर रबी सीजन में योजना के तहत हुए भुगतान में हुए देरी के कारण किसान इस बार भी भुगतान को लेकर अनिश्चित हैं.
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रिपोर्ट के अनुसार कई ऐसे किसान हैं जिन्हें अब तक योजना के तहत रबी सीजन का पैसा नहीं मिल पाया है जबकि रबी सीजन अब लगभग खत्म हो चुका है. फिलहाल किसान इसलिए चिंतित हैं क्योंकि खरीफ सीजन के लिए खेती की तैयारी बीज और खाद खरीदने में उनके काफी पैसे खर्च होंगे. ऐसे में अगर समय से किसानों को रायथु बंधु योजना का पैसा मिल जाता तो किसानों को कृषि कार्य करने में आसानी होती. क्योंकि अगर सही समय पर किसानों को पैसा नहीं मिलेगा तो किसानों को पैसों की जरूरत के लिए साहुकारों के पास जाना पड़ सकता है.
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