साल 2047 तक जो किसान अपनी जमीन बचाएगा, वही जिंदा बचेगा...सरकार पर टिकैत का बड़ा हमला

साल 2047 तक जो किसान अपनी जमीन बचाएगा, वही जिंदा बचेगा...सरकार पर टिकैत का बड़ा हमला

राकेश टिकैत ने कहा, "साल 2047 तक जो किसान अपनी जमीन बचाएगा, वही जिंदा बचेगा. इसके लिए एक पीढ़ी को जमीन बचाने का आंदोलन शुरू करना होगा." कुंभ मेले पर निशाना साधते हुए टिकैत ने कहा, "अगर कोई कुंभ (मेले) में स्नान नहीं करेगा, तो उसे जीने नहीं दिया जाएगा, उसे तंग किया जाएगा. सरकार देश में डर का माहौल बना रही है. यह लोगों के दिमाग में आ गया है और अब विचारों का आंदोलन शुरू होगा."

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साल 2047 तक जो किसान अपनी जमीन बचाएगा, वही जिंदा बचेगा...सरकार पर टिकैत का बड़ा हमलाकिसान नेता राकेश टिकैत. (फाइल फोटो)

किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. अपने आरोप में कहा है कि केंद्र सरकार पूरे देश से मंडी सिस्टम खत्म करना चाहती है. पीलीभीत में एक किसान सभा में उन्होंने बोलते हुए बिहार का हवाल दिया और कहा कि कृषि मार्केटिंग के नए मसौदे के तहत केंद्र सरकार देश से मंडी व्यवस्था खत्म करना चाहती है.

टिकैत ने कहा कि बिहार में साल 2006 से मार्केट कमेटी बंद है. अब इसी तरह की तैयारी यूपी में भी लागू करने की है जहां मंडियों को बंद कर दिया जाएगा. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में भारतीय किसान यूनियन (BKU) के किसान महापंचायत में बोलते हुए टिकैत ने कहा कि नई व्यवस्था के तहत किसानों को मंडी के बाहर अनाज बेचने की अनुमति दी गई है.

मंडी और सर्किल रेट पर बोले टिकैत

टिकैत ने कहा, "इससे (मंडी से बाहर अनाज बेचने से) मंडियों में अनाज की आवक और कमाई कम हो जाएगी. बिहार में 2006 से ही बाजार समितियां बंद हैं. अब उत्तर प्रदेश में भी यही व्यवस्था लागू करने की तैयारी चल रही है."

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता टिकैत ने आरोप लगाया कि सरकार ने 2013 से जमीनों के सर्किल रेट में कोई बढ़ोतरी नहीं की है. उन्होंने कहा कि इसके पीछे सरकार की मंशा है कि किसान भूमिहीन होकर मजदूर बन जाएं.

राकेश टिकैत ने कहा, "साल 2047 तक जो किसान अपनी जमीन बचाएगा, वही जिंदा बचेगा. इसके लिए एक पीढ़ी को जमीन बचाने का आंदोलन शुरू करना होगा." कुंभ मेले पर निशाना साधते हुए टिकैत ने कहा, "अगर कोई कुंभ (मेले) में स्नान नहीं करेगा, तो उसे जीने नहीं दिया जाएगा, उसे तंग किया जाएगा. सरकार देश में डर का माहौल बना रही है. यह लोगों के दिमाग में आ गया है और अब विचारों का आंदोलन शुरू होगा."

गन्ना किसानों की उठाई आवाज

गन्ना किसानों की समस्याओं पर उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी चीनी मिलें समय पर गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं करती हैं. न्यूनतम समर्थन मूल्य के नाम पर किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है. कुछ उद्योगपति किसानों से कम दामों पर फसल खरीदकर खुद को किसान बताकर सरकार को बेच रहे हैं.(PTI)

 

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