देश के 16 किसान संगठन पंजाब में तीन दिनों तक करेंगे रेल रोको आंदोलन, सांकेतिक तस्वीर केंद्र सरकार के खिलाफ कई किसान संगठन भी एक बार फिर हुंकार भरने की तैयारी कर रहे हैं. यह आंदोलन वैसा ही होगा, जैसे दिल्ली आंदोलन से पहले पंजाब में शुरू हुआ था. किसान वैसे ही अपनी मांगों को लेकर 28, 29 और 30 सितंबर को पंजाब में रेल रोको आंदोलन करेंगे. वहीं, यह फैसला उत्तरी भारत के 16 किसान संगठनों ने लिया है. किसानों की ओर से पहले 22 अगस्त को चंडीगढ़ में अपनी मांगों को लेकर आंदोलन किया गया था. रेल रोको आंदोलन को लेकर किसान गांव जाकर बैठके कर रहे हैं. ताकी आगे तीन दिवसीय आंदोलन को सफल बनाया जा सके.
भारत में आई बाढ़ के चलते जो किसानों का नुकसान हुआ है उसके लिए केंद्र सरकार 50000 करोड रुपये का पैकेज जारी करें.
• दिल्ली आंदोलन की मांगों में से एक किसानों की फसलों की एमएसपी दी जाए.
• दिल्ली आंदोलन के दौरान जिन किसानों पर मामले दर्ज किए गए हैं उनको रद्द किया जाए. जो अभी तक नहीं हुए हैं.
• लखीमपुर खीरी की घटना में अभी तक इंसाफ नहीं.
• इसके अलावा और भी अनेकों मांगों को लेकर किसान प्रदर्शन शुरू कर रहे हैं.
भारतीय किसान यूनियन आजाद के नेता जसविंदर सिंह लोंगोवाल ने बताया कि पंजाब में रेल रोकने का ऐलान उत्तरी भारत के 16 संगठनों का है जिसमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, यूपी और उत्तराखंड और भी दूसरे राज्यों के किसान संगठन मौजूद रहेंगे. हम तीन दिनों के लिए पंजाब में रेल का चक्का जाम करेंगे. कोई भी रेल नहीं चलेगी. अगर बात नहीं बनी तो उसके बाद पंजाब से बाहर देश के दूसरे राज्य में लेकर जाया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारी मांगी है जो बाढ़ के चलते देश में किसानों का नुकसान हुआ है उसके लिए 50000 करोड रुपए का पैकेज जारी करें.
फसलों की एमएसपी लागू किया जाए. केंद्र सरकार दिल्ली आंदोलन के दौरान जितने किसान के खिलाफ मामले जो दर्ज हैं उनको रद्द करे जो अभी तक रद्द नहीं हुए हैं. लखीमपुर घटना का अभी तक इंसाफ नहीं मिला है. किसानों का पूर्ण कर्ज माफी समेत कई अन्य मांगों को लेकर किसान प्रदर्शन करेंगे. जसविंदर ने आगे बताया कि दिल्ली आंदोलन से पहले जो आंदोलन शुरू हुआ था वह पंजाब की रेल पटरियों से ही शुरू हुआ था, और वैसा ही इस बार भी है. इसकी तैयारी हम पूरे जोर-शोर से कर रहे हैं.
फिलहाल किसानों की ओर से पंजाब में ट्रेन 28, 29 और 30 सितंबर को रोको जाएगी, लेकिन उससे पहले किसान गांव जाकर इसके लिए दूसरे किसानों को तैयार कर रहे हैं जैसे दिल्ली आंदोलन से पहले गांव-गांव से किसानों को इकट्ठा किया गया था. किसानों का साफ तौर पर कहना है हम तीन दिवसीय रेल रोको आंदोलन को सफल बनाएंगे जरूरत पड़ी तो उसको आगे लेकर जाएंगे.
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