पाकिस्तान के अंदर घुसकर भारत की "ऑपरेशन सिंदूर" एयर स्ट्राइक के बीच पंजाब में किसानों ने आज अपना रेल रोको आंदोलन स्थगित कर दिया है. बता दें कि किसान आज अमृतसर में 12 बजे रेल रोको आंदोलन करने वाले थे. लेकिन देर रात हुए ऑपरेशन के बाद किसानों ने देश हित में अपने आंदोलन को स्थगित कर दिया है. वहीं, दूसरी तरफ सीमा के आसपास लगते गांव में बीएसएफ की ओर से लगातार गुरुद्वारों में अनाउंसमेंट करवाई जा रही है और लोगों को अपना जरूरी सामान लेकर जल्द गांव खाली करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. बीएसएफ की ओर से लगातार लोगों से अपील की जा रही है कि वह जल्द से जल्द सीमा के आसपास के क्षेत्र को खाली कर दें ताकि उनको किसी भी तरह से जान माल का नुकसान ना हो.
इस रेल रोको आंदोलन के स्थगित होने पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि कल रात 12 बजे ही किसानों का जत्था अमृतसर के देवीदासपुरा पहुंचने लगे थे, जिसके बाद वहां बीएसएफ के अधिकारी पहुंचे और किसानों को पाकिस्तान पर हुए एयर स्ट्राइक के बारे में बताया, जिसके बाद हम लोगों ने इस आंदोलन को देश हित में फिलहाल के लिए रद्द कर दिया है. लेकिन हमारी पंजाब सरकार से मांग है कि जितने भी किसान गिरफ्तार हैं उन्हें रिहा किया जाए. इसके अलावा पंजाब सरकार ने पुलिस का राज बना रखा है उसका हम विरोध करते हैं.
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7 मई यानी आज किसानों द्वारा अमृतसर के देवीदासपुरा में दोपहर 12 बजे रेलवे ट्रैक जाम करने का ऐलान किया था. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना था कि सरकार की ओर से किसानों को जमीनों का उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. किसानों की करोड़ों की जमीनों को सरकार द्वारा कोड़ियों के भाव खरीदा जा रहा है. मुआवजे की मांग कर रहे किसानों पर अत्याचार किया जा रहा है. इसी के चलते केंद्र और पंजाब सरकार के खिलाफ विरोध जताते हुए 7 मई को अमृतसर के देवीदासपुरा में 12 बजे रेलवे ट्रैक को जाम करने का ऐलान किया गया था, जिसे अब देश हित में रद्द कर दिया गया है.
अमृतसर और तरनतारन सहित जिलों में भारतमाला और अन्य केंद्रीय परियोजनाओं के तहत उचित कानूनी और मुआवजा प्रक्रियाओं का पालन किए बिना भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है. पंधेर ने कहा, "पिछले तीन सालों से हमने कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किए हैं, जहां सैकड़ों किसानों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित किया गया है. उचित या समय पर मुआवजा दिए बिना जमीनें जब्त कर ली गई हैं." "कई मामलों में, जमीन मालिकों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है, फिर भी अधिकारी जबरन उनकी जमीन पर कब्जा करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं."
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