पंजाब में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ किसानों का विरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है. चुनाव आयोग की अपील के बाद भी किसान नहीं मान रहे हैं और लगातार बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवारों के खिलाफ विरोध कर रहे हैं. विरोध के तहत किसान बीजेपी उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार करने से रोक रहे हैं. पटियाला लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार परनीत कौर को भी बड़े पैमाने पर किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. नाभा में किसानों ने परनीत कौर के रोड शो के दौरान विरोध प्रदर्शन किया. किसानों ने रोड शो के बीच में एक अस्थायी मंच बनाया था और बीजेपी के 10 साल के कार्यकाल के दौरान उसके किए गए कार्यों की जमकर आलोचना की.
जब पुलिस को यह जानकारी मिली कि किसान रोड शो के दौरान उनका पीछा करके विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं, तब पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया. इस दौरान किसानों ने परनीत कौर के विरोध में जमकर नारेबाजी की. 'टाइम्स ऑफ इंडिया' की रिपोर्ट के अनुसार, जैसे ही क्रांतिकारी किसान यूनियन के कार्यकर्ता सिनेमा रोड के पास जमा हुए, पुलिस ने उन्हें बीजेपी कार्यालय से 100 मीटर की दूरी पर बैरिकेड लगाकर रोक दिया. इसके बाद किसान वहीं पर अस्थायी मंच बनाकर विरोध प्रदर्शन करने लगे और सभा को संबोधित किया. किसानों ने बताया कि वे क्यों बीजेपी का विरोध कर रहे हैं. बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर यह पहली बार है जब परनीत कौर को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
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वहीं दूसरी तरफ राज्य में हो रहे बीजेपी उम्मीदवारों के विरोध को लेकर पंजाब बीजेपी प्रमुख सुनील जाखड़ ने किसानों से कई सवाल पूछे हैं. उन्होंने सवाल किया कि केंद्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने और एमएसपी पर बोनस और खराब फसलों के मुआवजे का भुगतान न करने के लिए आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से किसान सवाल क्यों नहीं पूछते हैं. जाखड़ की प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब राज्य भर में बीजेपी उम्मीदवारों का किसान विरोध कर रहे हैं. किसान जहां पर प्रचार के लिए जाते हैं वहां पर किसान उनसे सवाल पूछते हैं. उनकी मांगें नहीं माने जाने पर वे काले झंडे दिखाते हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पजाब बीजेपी प्रमुख ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने पिछले साल बाढ़ के दौरान फसल के नुकसान के लिए 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने का वादा किया था. लेकिन किसानों को केवल 6,800 रुपये प्रति एकड़ मिले, जो केंद्र ने आपदा राहत कोष से आवंटित किया था. सुनील जाखड़ ने किसान नेताओं से पूछा कि वे 20,000 रुपये के मुआवजे पर चुप क्यों हैं और सीएम भगवंत मान के खिलाफ कोई विरोध प्रदर्शन क्यों नहीं किया जा रहा है. इसके साथ ही बीजेपी नेता ने दोहराया कि आंदोलनकारी किसानों के मुद्दों का समाधान केंद्र की अगली सरकार ही कर सकती है.
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उन्होंने आगे कहा कि "2014 में, किसानों को धान और गेहूं दोनों फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के 32,211 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था. बीजेपी सरकार के 10 साल के कार्यकाल के दौरान किसानों को दोनों फसलों के लिए 70,385 करोड़ रुपये मिले, जो दोगुने से भी अधिक है. जाखड़ ने दावा किया कि पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के 10 वर्षों में कृषि का बजट 21,900 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 में 1.25 लाख करोड़ रुपये हो गया है. किसानों की आय बढ़ाने को लेकर उन्होंने कहा कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकारें गेहूं की एमएसपी पर 125 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दे रही हैं.
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