जन सुराज अभियान अब जल्द ही एक राजनीतिक दल का रूप लेने वाला है. दो अक्तूबर को प्रशांत किशोर इसकी घोषणा करेंगे. इसे लेकर अभी से ही तैयारी शुरू हो गई है. प्रशांत किशोर ने पटना में एक राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया. इस मौके अभियान के हजारों पदाधिकारी कार्यशाला में शामिल हुए. इस कार्यशाला में उन्होंने बताया कि पार्टी को अंतिम रूप देने के लिए दो अक्तूबर से पहले प्रशांत किशोर बिहार में लगातार आठ बैठकें करेंगे जिसमें पदाधिकारी शामिल होंगे. इसमें वो लोग शामिल रहेंगे जिन्होंने सुराज अभियान में अपनी भागीदारी दर्ज की थी. करीब डेढ़ लाख पदाधिकारियों का साथ यह बैठक आयोजित की जाएगी.
कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि 2 अक्टूबर को जब जन सुराज दल का रूप लेगा, उस दिन क़रीब एक करोड़ लोग मिलकर दल की स्थापना करेंगे. यह बिहार के इतिहास में पहली बार होगा. यह मेरा संकल्प है. वहीं प्रशांत किशोर ने कहा कि यह पार्टी बिहार में केवल सत्ता के लिए नहीं आयी है. उन्होंने कहा कि पार्टी इसलिए सत्ता में आई है ताकि लोगों को यह विश्वास दिला सके हे कि बिहार से रोजगार के लिए पलायन करने वाली यह आखिरी पीढ़ी होगी. इस चुनाव के बाद उन्हें रोजगार की तलाश करने के लिए बिहार से बाहर नहीं जाना होगा. आज आयोजित कार्यशाला में पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की बेटी डॉ जागृति और पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा जन सुराज में शामिल हुए.
ये भी पढ़ेंः UP Politics: अखिलेश किसे देंगे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी?, ये नाम आए सामने
उन्होंने कहा कि इसके लिए बिहार के लोगों को जन सुराज अभियान से जुड़ना होगा. साथ ही कहा कि पार्टी में नेता, विधायक, अध्यक्ष कौन होंगे यह जनता तय करेगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि जन सुराज प्रशांत किशोर या किसी जाति या किसी परिवार या व्यक्ति का नहीं, बल्कि बिहार के लोगों का दल होगा जो इसे बनाने में अपना सहयोग करेंगे. इसे लेकर लगातार बैठक की जाएगी. वह अपने समर्थकों से के साथ बैठक करेंगे और पार्टी का संविधान भी तय करेंगे. पार्टी के अध्यक्ष का कार्यकाल एक साल या दो साल का होगा यह भी बैठक में ही तय किया जाएगा. पार्टी अध्यक्ष के लिए पांच जाति वर्गों का चयन किया जाएगा. हर जाति वर्ग से एक साल के लिए एक अध्यक्ष होगा. अगर आसान भाषा में समझे तो अगर ओबीसी वर्ग से कोई व्यक्ति अध्यक्ष बनता है तो फिर से अगला ओबीसी वर्ग का अध्यक्ष पांच साल बाद बनेगा. वहीं प्रशांत किशोर ने कहा कि वो खुद जन सुराज दल का नेता नहीं बनेंगे.
ये भी पढ़ेंः झारखंड में आदिवासी और ओबीसी वोटबैंक होगा बीजेपी का मददगार? असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा को मिली बड़ी जिम्मेदारी
बता दें कि बिहार के चुनाव में प्रशांत किशोर के एलान के बाद बिहार में 2025 में होने वाला विधानसभा काफी दिलचस्प हो सकता है. क्योंकि एक नई पार्टी इस चुनाव में पूरे दम-खम के साथ उतरने की तैयारी कर रही है. इससे पहले जन सुराज अभियान की बैठक 10 जून को हुई थी, जिसमें तीन प्रस्ताव लाए गए थे. इनमे जन सुराज अभियान को राजनीतिक दल बनाने के प्रस्ताव पर सभी ने सहमति जताई थी. दूसरे प्रस्ताव में कहा गया था कि पार्टी बिहार की सभी विधानसभा सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ेगी. जबकि तीसरा प्रस्ताव यह था कि समाज में सभी वर्गों की संख्या के हिसाब से चुनाव में टिकट दिया जाएगा और उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी. (अंकित सिंह का इनपुट)
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today