पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने लगी हैं. इस बीच हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों से पराली न जलाने की अपील की है. सरकार ने कहा है कि कृषि यंत्रों से पराली मैनेजमेंट करने पर किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपये दिए जाएंगे. किसान पराली मैनेजमेंट के लिए विभागीय पोर्टल पर 30 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन (agriharyana.gov.in) पर करना होगा. कृषि विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के तहत किसानों को पराली न जलाने व उसके उचित उपयोग के बारे में जागरूकता अभियान चलाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. कृषि विभाग द्वारा अब तक पराली मैनेजमेंट के लिए जनरल कैटेगरी के 1016 और आरक्षित श्रेणी के 108 किसानों को मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं.
प्रवक्ता ने बताया कि इन सीट, एक्स सीटू प्रबंधन के माध्यम से इस बार पराली जलाने की घटनाओं पर पूरी तरह रोक लगाने की व्यापक रणनीति तैयार की गई है. भूमि की उर्वरा शक्ति को बचाने के लिए धान की पराली का प्रबंधन तथा पराली को चारे के लिए उपयोग में लाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जाएगा. गांव में चौकीदार एवं नंबरदारों की सहायता से पटवारी व ग्राम सचिव द्वारा आगजनी की घटनाओं के लिए संबंधित से जुर्माना राशि एकत्रित की जाएगी. उन्होंने बताया कि फसल अवशेष जलाने वालों का नाम व पहचान समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाएगा. जीपीएस के माध्यम से पराली जलाने के मामलों की पहचान प्रशासन को प्राप्त होगी.
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राज्य सरकार ने बताया कि उपमंडल अधिकारी की अगुवाई में फसल अवशेष प्रबंधन के तहत ग्राम पंचायत से जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, पुलिस विभाग से एसएचओ, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग से कृषि अधिकारी तथा राजस्व विभाग के नायब तहसीलदार आदि अधिकारियों की बहुस्तरीय टीमें गठित की गई हैं. यह टीमें ग्राम सभा के माध्यम से किसानों को जागरूक करेंगी एवं पराली जलाने वालों पर भी निगरानी रखेगी. इसके अलावा, हरसेक के माध्यम से भी निगरानी की जाएगी तथा पराली जलाने की घटनाओं पर दोषियों की पहचान कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
उधर, हरियाणा के ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह ने कहा कि सिरसा जिले के गांवों में कपास की फसल में हुए नुकसान का सर्वे करवा कर जल्द से जल्द मुआवजा दिलवाया जाएगा. ऊर्जा मंत्री सिरसा के रानियां हलके के गांवों का दौरा कर सफेद मक्खी व गुलाबी सुंडी के कारण खराब हुई कपास की फसल का निरीक्षण कर रहे थे. उन्होंने गांव पंजुआना, शेखुपुरिया, फतेहपुरिया, जोधपुरिया, खारियां आदि गांवों के खेतों में पहुंच कर नरमे की फसल में हुए नुकसान का जायजा लिया और कहा कि नुकसान का आंकलन करके उचित मुआवजा दिया जाएगा. फसल नुकसान का ब्यौरा अपलोड करने के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल खोल दिया गया है, इसलिए किसान अपनी फसल नुकसान का ब्यौरा जल्द से जल्द पोर्टल पर दर्ज करवाएं ताकि उनके नुकसान की भरपाई की जा सके.
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