
पाकिस्तान ने भारत के बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार को वापस लौटा दिया है. पाकिस्तानी रेंजर्स ने अटारी वाघा सीमा के रास्ते बीएसएफ कॉन्स्टेबल को वापस भेजा है. वे पिछले करीब बीस दिनों से पाकिस्तान के कब्जे में थे. कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार सुबह 10:30 बजे वतन वापस लौटे हैं. उनसे पूछताछ की जा रही है. BSF जवान पूर्णम कुमार 23 अप्रैल से लापता थे. यह घटना तब हुई जब वे खेत में फसल कटाई की निगरानी करते वक्त गलती से पाकिस्तान सीमा में दाखिल हो गए. कुछ ही देर बाद पाक रेंजर्स ने पूर्णम कुमार को अपने कब्जे में ले लिया था. पूर्णम तब से लापता चल रहे थे.
वे पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात थे. यह घटना जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के अगले ही दिन हुई थी. इसके बाद भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए. पाकिस्तान ने भी जवाबी हमले किए, जिससे तनाव बढ़ गया. ऐसे में साहू के परिवार की चिंता और भी बढ़ गई.
कांस्टेबल को पाकिस्तान रेंजर्स ने बुधवार सुबह 10:30 बजे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सौंप दिया. बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि यह काम शांतिपूर्ण तरीके से और पूरी तरह से प्रोटोकॉल के अनुसार किया गया. पहलगाम आतंकी हमले के एक दिन बाद 23 अप्रैल को पूर्णम को रेंजर्स ने फिरोजपुर जिले में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से पकड़ा था.
पूर्णम कुमार के एक पारिवारिक सदस्य ने संवाददाताओं से कहा, "आज हम बहुत खुश हैं. हम केंद्र सरकार और बीएसएफ अधिकारियों को उन्हें सुरक्षित वापस लाने के उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हैं. पिछले दो सप्ताह हमारे लिए रातों की नींद हराम करने वाले और अनिश्चितता से भरे रहे हैं. हम लगातार उनकी सेहत को लेकर चिंतित थे." उन्होंने कहा, "अब हम उनसे बात करने और उन्हें व्यक्तिगत रूप से देखने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. हमारी प्रार्थना आखिरकार कबूल हो गई है."
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पूर्णम कुमार की पत्नी राजनी ने उम्मीद जताई थी कि डीजीएमओ की बातचीत में पूर्णम कुमार के मुद्दे को उठाया जाएगा. उन्होंने कहा था, 'जब भारतीय सेना ने 3 मई को एक पाकिस्तानी रेंजर को राजस्थान में हिरासत में लिया, तब लगा था कि शायद मेरे पति को भी छोड़ा जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब DGMO वार्ता से नई उम्मीद जगी है.' राजनी ने यह भी कहा था कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को उन्हें फोन किया और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. मुख्यमंत्री ने उनके ससुरालवालों की चिकित्सा सहायता की भी बात कही.
पंजाब के फिरोजपुर बॉर्डर पर बीएसएफ की 182वीं बटालियन में तैनात साहू को पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, घटना के समय जवान वर्दी में था और उसके पास सर्विस राइफल थी. हुगली के रिशरा के हरिसभा इलाके के रहने वाले साहू सरहद के पास किसानों के एक समूह के साथ थे, जब वह एक पेड़ के नीचे आराम करने के लिए आगे बढ़े और अनजाने में पाकिस्तान की सीमा में चले गए, जहां उन्हें पकड़ लिया गया.
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