ओडिशा झारसुगुड़ा स्थित थर्मल प्लांट के एक राख तालाब में दरार आने के कारण तालाब का राख बाहर खेतों में फैल गया. खेतों आई राख के बाढ़ के कारण गांव के कई खेत खराब हो गए हैं. यह प्लांट ओडिशा पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन का है. ग्रामीणों के अनुसार यह घटना शुक्रवार सुबह घटी जब तालाब में आठ फीटकी दरार आ गई और राख बाहर निकल कर बहने लगा. स्थानीय निवासियों का आरोप है कि तालाब के टूटने के कारण तालाब के अंदर मौजूद जहरीला घोल बाहर निकल गया और आस पास के क्षेत्रों में फैल गया है. सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि साराधापाली के बाहरी इलाके में राख का पानी खेतों में भर गया है. जिससे स्थानीय लोग काफी डर गए हैं इसके अलावा गंदा पानी भरने से कई एकड़ खेत में फसल क्षतिग्रस्त हो गई है.
घटना की सूचना मिलने पर ओपीजीसी के अधिकारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने प्रभावित स्थानीय लोगों को आश्वस्त किया कि राख तालाब में आवश्यक मरम्मत शुरू की जाएगी, और क्षति की गंभीरता से जांच की जाएगी इसके बाद आकलन होगा फिर मुआवजा प्रदान किया जाएगा. सामाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ओपीजीसी के जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु बेहरा ने बताया कि तालाब में एक दरार हुआ है. इसकी वजह से घोल पास के गांवों कांटातिकिरा और सरधापाली के खेतों में घुस गया है.हालांकि घटना के बाद ओपीजीसी सभी सुधारात्मक उपाय कर रही है और जांच की जा रही है. जांच की रिपोर्ट आने के बाद उसके अनुसार कदम उठाए जाएंगे.
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अधिकारी ने यह भी कहा कि तालाब में पड़े दरार के मरम्मत का काम जल्द ही शुरू हो जाएगा. कयास लगाया जा रहा है कि लगातार बारिश ने राख तालाब की दीवार को कमजोर कर दिया, जिससे दरार पड़ गई. हालांकि, हम जांच के बाद ही किसी निर्णायक आकलन पर पहुंच सकते हैं. इस मामले को लेकर झारसुगुड़ा के डीएम अबोली सुनील नरवणे ने कथित तौर पर कहा की शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे ओपीजीसी राख तालाब में दरार आ गई और घोल सरधपाली गांव के खेत में घुस गया.
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हालांकि अच्छी बात यह रही की गंदा पानी घरों में नहीं घुसा है. इसके बाद ग्रामीण घबरा गए थे लेकिन हमने उन्हें बताया कि चूंकि स्लरी घरों में नहीं घुसी है, वे घरों के अंदर बैठ सकते हैं. ग्रामीणों को यह आश्वस्त किया है कि प्रशासन की मौजूदगी में हम कृषि भूमि को हुए नुकसान का आकलन किया जाएगा. दरार की मरम्मत शुरू हो गई है. ग्रामीणों को नुकसान की भरपाई की जाएगी.
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